मोदी सरकार का रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार पर फोकस, बजट में हो सकती है बड़ी घोषणाएं

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नई दिल्ली : भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के लिए मोदी सरकार जिस तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और बेहतर बनाने पर जोर दे रही है, उससे जानकारों का मानना है कि रेलवे के बजट में इस बार 15 से 20% का बढ़ावा हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को जो आम बजट पेश करेंगी, उसमें भारतीय रेलवे के विकास के लिए कुछ बड़ी घोषणाओं की संभावनाएं जाहिर की जा रही हैं। भारतीय रेलवे का मौजूदा बजट वित्त वर्ष 2024-25 में 2.65 लाख रुपए का है। इस फंड के इस्तेमाल के लिए रेलवे में तेज गति से काम चल रहा है, क्योंकि इसे 31 मार्च की अवधि तक उपयोग में लाना है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि ‘मौजूदा वित्त वर्ष के पूंजीगत व्यय से 2 लाख रुपए से अधिक खर्च हो चुका है और वित्त वर्ष के अंत से काफी पहले ही इसका लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।’ माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस बार रेलवे का बजट बढ़ाकर 3 लाख रुपए तक कर सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘रेलवे का पूंजीगत व्यय 2025-26 के बजट में 20% तक बढ़ने की संभावना है।’

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आने वाले वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे, रेलवे स्टेशनों को बेहतर करने पर चल रहे प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देना चाहता है। साथ ही नई आधुनिक ट्रेनों के संचालन पर भी इसका जोर रहने वाला है। लेकिन, साथ ही साथ रेलवे ट्रैक पर जो रेल ट्रैफिक की समस्या गंभीर होती जा रही है, उसे भी कम करने को प्राथमिकता देने की योजना है।

माना जा रहा है कि रेलवे के बजट में जिस इजाफे की संभावना है, उसका इस्तेमाल भारतीय रेलवे लाइनों के विस्तार, इंफ्रास्ट्रक्चर को अत्याधुनिक बनाने और लोकोमोटिव, कोच और वैगन के साथ-अन्य उपकरण खरीदने के लिए किया जा सकता है।

आने वाले वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे वंदे भारत स्लीपर ट्रेन लॉन्च करने का लक्ष्य लेकर भी चल रहा है और इस दिशा में अगले बजट में काफी कुछ देखने को मिल सकता है। इससे ट्रेनों से लंबी दूरी की यात्रा करने वाले रेलयात्रियों को और भी आरामदायक यात्रा की सुविधा मिलने की संभावना है।

रेल मंत्रालय की रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले एक दशक में जिस तरह से रेल बजट की राशि लगातार बढ़ाई गई है, उसका असर अब नजर आने लगा है। इसके चलते 136 वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं, बड़ी लाइन की करीब 97% हिस्से में विद्युतीकरण हो चुका है, नई लाइनें बिछ रही हैं, आमान परिवर्तन का काम चल रहा है, लाइन दोहरीकरण का काम भी तेज है, रेल ट्रैफिक को भी बेहतर किया गया है और यह प्रक्रिया लगातार जारी है।

इसके अलावा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए भी अतिरिक्त फंड जारी होने की संभावना है। क्योंकि, महाराष्ट्र में अब भाजपा की अगुवाई में एक मजबूत सरकार बन चुकी है और इस राजनीतिक स्थिरता से इस प्रोजेक्ट को किसी सियासी गतिरोध की आशंका नहीं रह गई है।

भारतीय रेलवे से रोजाना लगभग 2.3 करोड़ यात्री सफर करते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा भी रेल बजट की प्राथमिकताओं में शामिल रहने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष में रेलवे के 69,000 किलोमीटर के नेटवर्क में से मात्र 4,500 किलोमीटर के कवच सिस्टम से लैस होने की संभावना है। माना जा रहा है कि हाल की कुछ घटनाओं को देखने के बाद इसके लिए फंड आवंटन में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

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