दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन की जमानत पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, चुनाव में AIMIM के उम्मीदवार, कोर्ट कर चूका रुख साफ़
नई दिल्ली : आज यानी 28 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर फिर सुनवाई करेगी। ताहिर हुसैन की याचिका पर आज जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच में सुनवाई होगी। इस मामले में बीते 20 जनवरी को सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जेल में बंद सभी लोगों को चुनाव लड़ने से जरुर रोका जाना चाहिए।
जानकारी दें कि, ताहिर ने दिल्ली चुनाव में प्रचार करने बाबत सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई है। जानकारी दें कि, दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते 14 जनवरी को मुस्तफाबाद सीट से नामांकन भरने के लिए ताहिर को कस्टडी पैरोल दी थी और चुनाव प्रचार के लिए जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी। ताहिर को ओवैसी की पार्टी AIMIM ने मुस्तफाबाद से अपना चुनावी कैंडिडेट बनाया है। वह दिल्ली दंगों के आरोप में बीते 4 साल 9 महीने से जेल में बंद हैं।
इस बाबत सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा विभाजित फैसला दिए जाने के बाद हुसैन को बीते 22 जनवरी को अंतरिम जमानत नहीं मिली थी।इस बाबत जस्टिस मित्तल ने कहा था कि, अगर चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत दे दी तो इससे जैसे भानुमती का पिटारा खुल जाएगा। पूरे साल चुनाव होते हैं। इसके बाद हर कैदी दलील लेकर आएगा कि उसे चुनाव लड़ने के लिए जमानत दी जाए।

वहीं मामले पर जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा था कि आरोपी मार्च 2020 से जेल में है। उसे प्रचार के लिए जमानत देनी चाहिए। बता दें कि, अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 28 जनवरी के मामलों की सूची के अनुसार, याचिका पर आज जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की तीन सदस्यीय बेंच के समक्ष सुनवाई होनी है।
गौरतलब है कि, दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 जनवरी को हुसैन को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासती परोल जरुर दी थी। बता दें कि, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में बीते 24 फरवरी, 2020 को हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। हुसैन इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत से जुड़े एक मामले में आरोपी है।