मनोज तिवारी सहित दिल्ली में सीएम पद की रेस में ये चेहरे, वीरेंद्र सचदेवा बोले-आलाकमान तय करेगा मुख्यमंत्री
नई दिल्लीः दिल्ली के दंगल का आज फैसले का दिन है। शुरुआती रुझानों भाजपा बहुमत के आंकड़े को पार गई है, वहीं आम आदमी पार्टी पिछड़ गई है। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के कई दिग्गज नेता पीछे चल रहे हैं। जिसमें सौरभ भारद्वाज, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, आतिशी, अवध ओझा जैसे हैवीवेट कैंडिडेट हैं।
इन रुझानों के मद्देनजर माना जा रहा है कि भाजपा की सरकार बनना तय है, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा पार्टी की तरफ से घोषित नहीं किया गया है। इस दिल्ली भाजपा अध्यक्ष का सीएम फेस को लेकर बयान आया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व सीएम चेहरे का फैसला करेगा।
मुख्यमंत्री को लेकर क्या बोले सचदेवा?
शुरूआती रुझानों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा दिल्ली अध्यक्ष ने कहा कि ‘शुरुआती रुझान हमारी उम्मीद के मुताबिक हैं, लेकिन हम नतीजों का इंतजार करेंगे। हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की है। यह जीत हमारे शीर्ष नेतृत्व की जीत होगी। हमने दिल्ली के मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ा है, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मुद्दों से भटकाने की कोशिश की। केंद्रीय नेतृत्व सीएम चेहरे का फैसला करेगा।’
सीएम पद के दावेदार

मुख्यमंत्री की रेस में भाजपा की तरफ से कई नाम है। जिसमें मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा, रविंद्र सिंह नेगी, नाम शामिल है। इसके अलावा दिल्ली का अध्यक्ष होने के नाते वीरेंद्र सचदेवा भी सीएम पद के दावेदार है।
दिल्ली में एक ही चरण में बीते 5 फरवरी को हुआ था मतदान
आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि दिल्ली में बीते 5 फरवरी को 70 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान हुए थे। इस बार के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की सभी दलों ने लोकलुभावन वादें किए हैं। इस बार सभी पार्टियों के घोषणा पत्र लगभग एक जैसे ही हैं। ध्यान देने वली बात यह है कि दिल्ली की सत्ता में कांग्रेस को हराकर आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी।
कैसे बनी थी दिल्ली में केजरीवाल की सरकार
2013 में अन्ना आंदोलन से निकली आप ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर प्रचार किया। इसके बाद दिल्ली में कांग्रेस खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे और कांग्रेस की सरकार दिल्ली की सत्ता से बाहर हो गई। अब एक बार कुछ ऐसी ही परिस्थितियां अरविंद केजरीवाल के सामने आ खड़ी हुई है। इनके कई नेता के ऊपर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पार्टी के कई नेता कथित शराब घोटाले मामले में जेल जा चुके हैं। सभी जमानत पर बाहर हैं। ऐसे उनके लिए इस बार सत्ता की राह कठिन दिखती नजर आ रही है।