इंफालः सियासी उलटफेर और जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर से एक और दुखद खबर आ रही है, जहां सीआरपीएफ कैंप में एक जवान ने गोली चला दी। इस गोलीबारी में दो सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई। वहीं 8 लोग घायल हैं, जिन्हें इंफाल के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में भर्ती कराया गया है। यह घटना बुधवार रात 8 बजे सीआरपीएफ कैंप की है। गोली चलाने वाले सीआरपीएफ जवान ने घटना के बाद खुल को भी गोली मार ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हवलदार संजय कुमार ने अपनी सर्विस गन से गोली चलाई थी। जिसमें एक कांस्टेबल और एक सब-इंस्पेक्टर की मौत हो गई। गोलीबारी के बाद भी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीन मौतों की पुष्टि की।
मणिपुर पुलिस ने दी ये जानकारी
घटना को लेकर मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी दी है। मणिपुर पुलिस ने लिखा ” एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में आज रात लगभग 8 बजे इम्फाल पश्चिम जिले के अंतर्गत लामसांग में एक सीआरपीएफ कैंप के अंदर एक संदिग्ध भाईचारे की हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें एक सीआरपीएफ जवान ने अपने ही सीआरपीएफ के 2 साथियों पर गोली चला दी। इस घटना में 8 अन्य घायल हो गए। बाद में उसने सर्विस हथियार का उपयोग करके खुदकुशी कर ली। ये जवान एफ-120 कॉय सीआरपीएफ के थे। पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।”
सीआरपीएफ के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे

इस गोलीबारी की घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है। सीआरपीएफ की तरफ से कोई भी ऑफिशियल बयान अभी तक नहीं आया है। हादसे की क्या वजह थी, यह जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगा। सीआरपीएफ के अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
मणिपुर लागू राष्ट्रपति शासन
यह घटना मणिपुर में चल रहे तनाव के बीच हुई है, जहां मई 2023 से जातीय हिंसा एक सतत मुद्दा रहा है। राज्य में मैतेई समुदाय और कुकी-ज़ो जनजातियों के बीच काफी अशांति देखी गई है। बता दें कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है। गृह मंत्रालय के आधिकारिक नोट में बताया गया कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है।