बदायूं मस्जिद मामला: आज कोर्ट में सभी तर्क और प्रमाण पेश करेगा मुस्लिम पक्ष

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बदायूं : बदायूं जिले के मस्जिद विवाद मामले में अदालत ने मुस्लिम पक्ष को 10 दिसंबर तक अपनी बहस पूरी करने का आदेश दिया था। यह मामला शहर के एक मस्जिद के पुराने स्थान को लेकर चल रहा है, जिसमें मंदिर निर्माण के सवाल को लेकर विवाद बढ़ा हुआ है। ऐसे में आज यानी 10 दिसंबर को इस मामले की कोर्ट में सुनवाई होनी है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को इस मामले में अपनी दलीलें पूरी करने का समय दिया और 10 दिसंबर तक सभी तर्क और प्रमाण पेश करने को कहा। इसके बाद मामले की सुनवाई की जाएगी। बता दें, यह विवाद स्थानीय स्तर पर कई महीने से चल रहा है, और अब अदालत से उम्मीद है कि वह जल्द ही इस मामले पर अपनी फैसला सुनाएगी।

दरअसल, 2022 में हिंदू नेता मुकेश पटेल ने बदायूं की जामा मस्जिद की जगह पहले नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए केस दायर किया था। इस मामले को लेकर कोर्ट में हिंदू पक्ष ने प्रतिवादी पक्ष से पूछा, सर्वे कराने से वह क्यों डर रहे हैं। इस पर प्रतिवादी पक्ष के वकील अनवर आलम ने कहा कि सर्वे का आदेश देकर महज माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। कोर्ट में बहस पूरी न होने के कारण इस मामले पर सुनवाई की तारीख बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दी गई थी। ऐसे में आज 10 दिसंबर को कोर्ट में इस मामले को लेकर बहस पूरी करनी होगी।

क्या था मामला?
2 सितंबर, 2022 को बदायूं सिविल कोर्ट में भगवान श्री नीलकंठ महादेव महाकाल (ईशान शिव मंदिर), मोहल्ला कोट/मौलवी टोला की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, एएसआई, केंद्र सरकार, यूपी सरकार, बदायूं कलेक्टर और प्रदेश के मुख्य सचिव को पक्षकार बनाया गया। याचिका में दावा किया गया कि वर्तमान में जहां जामा मस्जिद स्थित है, वहां पहले नीलकंठ महादेव का मंदिर था, जिसमें शिवलिंग स्थापित था। आरोप है कि मस्जिद के निर्माण के दौरान इस शिवलिंग को हटा दिया गया था। कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया, और इस मामले पर अब दो साल से सुनवाई जारी है।

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