प्रयागराज पहुंचे बागेश्वर धाम सरकार, VHP और संतों से करेंगे मुलाकात

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छतरपुर: बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री यूपी के प्रयागराज शहर पहुंचे हैं। संगम में चल रहे माघ मेले में पहुंचकर वह आस्था की डुबकी लगाएंगे। धीरेंद्र शास्त्री इस के चलते निर्मोही अखाड़े के संत संतोष दास (सतुआ बाबा) के यहां साधु-संतों से भेंट कर उनका आशीर्वाद लेंगे। धीरेंद्र शास्त्री यहां हिंदू राष्ट्र को लेकर चलाई जा रही मुहिम के लिए संतों का समर्थन भी मांगेंगे। सतुआ बाबा के यहां उनके आने की तैयारियां हो चुकी हैं। माघ मेले में पहुंचकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री संगम की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाएंगे। तत्पश्चात, लगभग 5 से 6 घंटे तक दूसरे संतों के कैंप में जाकर उनका आशीर्वाद भी ले सकते हैं। उनके विश्व हिंदू परिषद के कैंप में जाने की भी पूरी संभावना है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के आगमन को लेकर साधु संतों, कल्पवासी एवं उनके समर्थकों में खासा उत्साह है। सतुआ बाबा के यहां आकर लोग उनसे मिलने की जुगत लगे हुए हैं।

धीरेंद्र शास्त्री माघ मेले से हिंदुत्व की अलख जगाकर हिन्दू धर्म की मजबूती के लिए एक बड़ा संदेश देकर जाएंगे। वहीं, विहिप पंडित धीरेंद्र शास्त्री की मुहिम का समर्थन कर उनके साथ खड़े होने की बात कह चुका है। माघ मेले से निकलकर शास्त्री शहर से 50 किमी दूर मेजा में मां शीतला कृपा महोत्सव में जाकर लाखों भक्तों को कथा सुनाएंगे। बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री तब से काफी ख़बरों में हैं, जबसे महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने उन पर अंधविश्वास एवं जादू-टोना को बढ़ावा देने का इल्जाम लगाया है। समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने दावा किया था कि धीरेंद्र शास्त्री ‘दिव्य दरबार’ एवं ‘प्रेत दरबार’ की आड़ में ‘जादू-टोना’ को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी करने एवं उनका शोषण करने का इल्जाम भी लगाया था।

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती भी दी थी कि यदि वो उनके बीच दिव्य दरबार लगाते हैं तथा चमत्कार करके दिखाते हैं तो वो उन्हें 30 लाख रुपये देंगे। समिति ने बताया था कि धीरेंद्र शास्त्री ‘दिव्य दरबार’ नाम से जो सभा करते हैं, उसमें दो कानूनों का उल्लंघन होता है। पहला है- 2013 का महाराष्ट्र का जादू-टोना विरोधी कानून तथा दूसरा है- 1954 का ड्रग्स एंड रेमेडीज एक्ट। श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ नागपुर में शिकायत भी की थी। हालांकि, नागपुर पुलिस ने तहकीकात के पश्चात् उन्हें क्लीनचिट दे दी थी। हालांकि, इन आरोपों पर जवाब देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने दावा किया था कि वो कोई अंधविश्वास नहीं फैलाते तथा न ही किसी की परेशानी दूर करते हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने ये भी बोला था कि ‘हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार।’ इसके बाद से धीरेंद्र शास्त्री के दावों को लेकर देशभर में जंग छिड़ गई थी। कुछ लोग इसे आस्था का मुद्दा बता रहे हैं, तो कुछ लोग अंधविश्वास बताकर धीरेंद्र शास्त्री पर प्रश्न खड़े कर रहे थे।

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