Sonbhadra Mine Incident: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में ओबरा के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में शनिवार शाम लगभग चार बजे एक खदान धंस गई। जानकारी सामने आ रही है कि कृष्णा माइनिंग स्टोन की इस खदान में काम कर रहे 18 मजदूरों में से तीन के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 15 मजदूर अब भी मलबे में दबे हैं। सोनभद्र में हुए इस हादसे के वक्त कृष्णा माइनिंग स्टोन की खदान में नौ कंप्रेशर पर कुल 18 मजदूर काम कर रहे थे। ड्रिलिंग के दौरान, लगभग 150 फीट से अधिक ऊंचाई से पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा ढहकर नीचे जा गिरा। हादसे के तुरंत बाद दो मजदूर मौके से हट गए थे, लेकिन 16 श्रमिकों के दबने की आशंका जताई गई थी। बाद में पता चला कि 18 में से तीन मजदूरों के शव बरामद हुए बताए जा रहे हैं।
देर से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने में देरी हुई, क्योंकि अंधेरा छा चुका था, जिसके बाद लाइट की व्यवस्था की गई और लगभग सवा आठ बजे राहत एवं बचाव कार्य शुरू हो सका। राहत कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम जुटी हुई है। मलबा हटाने में भारी दिक्कत आ रही है क्योंकि खदान में पानी भरा हुआ है और घटनास्थल तक पहुंचने का रास्ता भी ठीक नहीं है। मलबा स्थल तक पहुंचने के लिए मशीनें लगाई गईं और पत्थर, गिट्टी डालकर रास्ता बनाया गया है। रात लगभग 12 बजे एक मजदूर का शव बरामद हुआ था।

सीएम के निर्देश पर आला अधिकारी मौके पर
हादसे की सूचना मिलते ही खनन क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया, मंडलायुक्त मिर्जापुर राजेश प्रकाश, आईजी मिर्जापुर आरपी सिंह, जिलाधिकारी बीएन सिंह, एसपी अभिषेक वर्मा और समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोंड भी घटनास्थल पर पहुंचे। डीएम बीएन सिंह ने आलाधिकारियों को राहत और बचाव कार्य की जानकारी दी। बचे हुए एक मजदूर छोटू यादव ने बताया कि उसके दो सगे भाई संतोष और इंद्रजीत भी दब गए हैं।
हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
इस गंभीर हादसे के बाद जिलाधिकारी बीएन सिंह ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वागीश सिंह को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।