बॉक्सर कृतिका ठाकुर बनी हिमाचल की पहली महिला कांवड़ यात्री, 600 KM पैदल चलकर गोमुख से लाया गंगाजल

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शिमला: हिमाचल प्रदेश की एक राज्यस्तरीय महिला मुक्केबाज ने 600 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा पूरी कर इतिहास रच दिया है और ऐसा करने वाली वह राज्य की पहली महिला बन गई हैं। मुक्केबाज ने गौमुख से अपने गांव तक गंगाजल ले जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। मंडी जिले के डेरडू गांव की रहने वाली 21 वर्षीय कृतिका ने इस साल लगातार दूसरे साल यह कठिन यात्रा की। पिछले साल उन्होंने हरिद्वार से हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर तक की यात्रा की थी। इस वर्ष उन्होंने उत्तराखंड में स्थित गौमुख से पैदल चलकर अपनी शक्ति और भक्ति का परीक्षण करने का संकल्प लिया। उन्होंने कांवड़ में भरकर लाए गए गंगाजल से अपने गांव के ओंकारेश्वर मंदिर में जलाभिषेक कर अपनी यात्रा का समापन किया।

पिछले 11 साल से कांवड़ यात्रा पर जा रहे पिता
उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि पूरा गांव इस क्षण को देखने के लिए एकत्र हुआ। कृतिका ने बताया कि अगर आपके पास दृढ़ निश्चय हों तो कुछ भी मुश्किल नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके पिता पिछले 11 सालों से कांवड़ यात्रा पर जा रहे हैं जिनसे उन्हें प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि भूस्खलन की घटना के कारण कुछ स्थानों को छोड़कर सड़कें अच्छी हैं। उन्होंने कहा कि रास्ते में तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं। कृतिका ने कहा कि वह आगामी वर्षों में भी यह यात्रा जारी रखेंगी तथा उन्होंने अपनी प्रेरणा का श्रेय अपने पिता राजेंद्र कुमार और परिवार के अन्य सदस्यों को दिया जो पहले भी कांवड़ यात्राओं में जाते रहे हैं।

कॉलेज में सेकंड ईयर की छात्रा हैं कृतिका
इस वर्ष की यात्रा में उनके पिता, चाचा और अन्य ग्रामीण भी साथ थे। कृतिका सुंदरनगर के एमएलएसएम कॉलेज में शारीरिक शिक्षा की द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं और राज्यस्तरीय मुक्केबाज भी हैं। मुक्केबाजी में कृतिका ने विद्यालय स्तर पर तीन बार रजत पदक जीता है और कॉलेज में भी मुक्केबाजी जारी रखे हुए है। वह सेना में भर्ती होना चाहती है।

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