बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने पुणे के इस डॉक्टर को बताया फरिश्ता, खासियत जानकर हो जाएंगे इमोशनल

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नई दिल्ली: उद्योगपति आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। अब उन्होंने पुणे के एक डॉक्टर की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ की है और उन्हें फरिश्ता बताया है। इस डॉक्टर की खासियत ये है कि वह बच्ची के जन्म लेने पर फीस नहीं लेते हैं।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल डी प्रशांत नायर नाम के शख्स ने एक्स पर एक पोस्ट में डॉ गणेश राख की कहानी साझा की थी, जिसे बाद में महिंद्रा ने भी रीपोस्ट किया। अपनी पोस्ट में, नायर ने एक दिहाड़ी मजदूर का अनुभव बताया जिसने अपनी पत्नी को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। उस आदमी को डर था कि सिजेरियन सेक्शन का खर्च उठाने के लिए उसे अपना घर गिरवी रखना पड़ सकता है। बच्चे के जन्म के बाद, उसने उत्सुकता से डॉक्टर से बच्चे के लिंग के बारे में पूछा।

इस पर डॉ गणेश राख ने कहा, “आपको एक फरिश्ता (एक बच्ची) मिला है।” जब पिता ने अस्पताल के बिल के बारे में पूछा, तो डॉ राख ने उससे कहा, “जब फरिश्ते पैदा होते हैं, तो मैं कोई शुल्क नहीं लेता।” भावुक होकर वह व्यक्ति उनके चरणों में गिर पड़ा और उन्हें भगवान कहने लगा। नायर ने अपनी पोस्ट में लिखा, “पुणे में डॉ गणेश राख पिछले 10 सालों से यही काम कर रहे हैं। अगर कोई बच्ची पैदा होती है तो वे एक पैसा भी नहीं लेते। अब तक, वह 1,000 से ज्यादा बच्चों को मुफ्त में इस दुनिया में लाए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “डॉ. राख की ‘बेटी बचाओ’ पहल ने सीमाओं को पार कर लिया है और दुनिया भर में बदलाव के लिए प्रेरित किया है। डॉक्टर साहब, आप धन्य रहें!”

महिंद्रा ने अपना अनुभव भी साझा किया
नायर की पोस्ट शेयर करते हुए, महिंद्रा ने कहा, “दो बेटियों का पिता होने के नाते, मैं दो बार से भी ज्यादा जानता हूं कि जब आपके घर में एक फरिश्ता पैदा होता है, तो कैसा लगता है। लेकिन यह डॉक्टर भी एक फरिश्ता है। कृपा और उदारता का फरिश्ता।” डॉ. गणेश राख को सोमवार की प्रेरणा का स्रोत बताते हुए, महिंद्रा ने अपने प्रशंसकों और फॉलोअर्स के लिए एक संदेश भी साझा किया, “इस पोस्ट ने मुझे याद दिलाया है कि हफ्ते की शुरुआत करने का इससे ज्यादा प्रभावशाली तरीका और कोई नहीं है कि आप खुद से पूछें कि आपके लक्ष्य और आपका काम आपके समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव कैसे डालेंगे।” आनंद महिंद्रा की पोस्ट वायरल होते ही, सोशल मीडिया यूजर्स ने डॉ राख को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, “फरिश्ते हर रूप में आते हैं।”

कौन हैं डॉक्टर राख?
डॉ राख ने 2007 में पुणे में अपना अस्पताल शुरू किया था। 2016 में बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में अपनी पहल के बारे में बात करते हुए, डॉ. राख ने कहा था, “मैं लोगों और डॉक्टरों का नजरिया बदलना चाहता हूं। जिस दिन लोग बेटी के जन्म का जश्न मनाना शुरू करेंगे, मैं अपनी फीस फिर से लेना शुरू कर दूंगा। वरना, मैं अपना अस्पताल कैसे चलाऊंगा?”

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