नई दिल्ली : अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. लंबे समय से उनके नेतृत्व वाला रिलायंस ग्रुप प्रवर्तन निदेशालय (ED) के राडार पर है. छापेमारी, संपत्ति कुर्क होने की कार्रवाई लगातार हो रही है. वहीं अब सीबीआई (CBI) ने उनके बेटे जय अनमोल अंबानी समेत अन्य के खिलाफ एक क्रिमिनल केस फाइल किया है. केंद्रीय एजेंसी ने एक लिखित शिकायत को लेकर जांच करने के बाद ये केस फाइल किया है.
CBI ने Anil Ambani के जय अनमोल अनिल अंबानी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में मामला दर्ज किया है. उनके अलावा रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पूर्व सीईओ रवींद्र सुधालकर और उस समय के होल टाइम डायरेक्टर के खिलाफ ये क्रिमिनल केस फाइल किया है. ऐसा पहली बार है जबकि अनिल अंबानी के बेटे पर मामला दर्ज किया गया है. ये पूरी कार्रवाई कथित 228.06 करोड़ रुपये के बैंकिंग फ्रॉड केस में की गई है.
दरअसल, सीबीआई को एक लिखित शिकायत दी गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जय अनमोल अनिल अंबानी, रवींद्र सुधालकर और अन्य अज्ञात लोगों, अज्ञात सरकारी कर्मचारियों ने धोखाधड़ी और क्रिमिनल साजिश के तहत पैसों का हेरफेर किया है. ऐसा माना जा रहा है कि सीबीआई द्वारा RHFL के दस्तावेजों, लोन अकाउंट और इंटरनल रिकॉर्ड की गहन जांच किए जाने की संभावना है. जांच आगे बढ़ने पर कंपनी के अधिकारियों और बैंक कर्मियों से और पूछताछ की जा सकती है. हालांकि, अभी तक अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है.

Anil Ambani के बेटे जय अनमोल अंबानी की प्रारंभिक पढ़ाई मुंबई के जॉन कॉनन स्कूल (John Connon School) से हुई है, जबकि उन्होंने बिजनेस की पढ़ाई यूके के वारविक बिजनेस स्कूल से की है. रिपोर्ट के मुताबिक, Jai Anmol Ambani ने 2014 में रिलायंस म्यूचुअल फंड के साथ अपने कॉर्पोरेट सफर की शुरुआत की थी. 2016 में अनमोल रिलायंस कैपिटल बोर्ड में शामिल हुए और 2019 में उन्हें भाई जय अंशुल के साथ रिलायंस इंफ्रा के डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त किया गया. हालांकि, एक साल के भीतर ही रिलायंस इंफ्रा के बोर्ड से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
जहां जय अनमोल अंबानी के खिलाफ पहली बार एफआईआर दर्ज की गई है, तो वहीं बीते लंबे समय से उनके पिता अनिल अंबानी ईडी के राडार पर बने हुए हैं. PMLA की धारा 5(1) के तहत उनके नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप की संपत्तियों पर कुर्की की कार्रवाई की जा चुकी है और इसके तहत करीब 9000 करोड़ के एसेट्स अटैच किए जा चुके हैं. ये नवी मुंबई, चेन्नई, पुणे और भुवनेश्वर में फैले हुए हैं.