Holi in Mathura: होली खेलना कई लोगों को कम पसंद है लेकिन इसका इंतजार हर कोई बेसब्री से करत है। हर साल मार्च के महीने की शुरुआत या अंत में होली आती है। इस वर्ष यह 14 मार्च को खेली जाएगी। यह खुशियों और रंगों का त्योहार है जो हर किसी को अपने रंग में रंग देता है। इस दिन हर कोई अपने गिले शिकवे भुलाकर एक दूसरे को गले लगा लेता है। इस त्योहार पर ज्यादातर लोग मथुरा जाने का प्लान करते हैं। इस जगह पर होली का सेलिब्रेशन करने के लिए बहुत सारे लोग आते हैं। यहां कई प्रसिद्ध जगह है जहां पर आप भी ट्रिप प्लान कर सकते हैं।
ट्रेन या बस से मथुरा आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां पहुंचने के बाद सबसे पहले श्री कृष्ण जन्मभूमि के दर्शन कर सकते हैं। यह मथुरा का प्रमुख धार्मिक स्थल है और होली पर यहां खास वातावरण रहता है। इस मंदिर के पास शाही घाट और द्वारकाधीश मंदिर है जो होली के दौरान देखने लायक होता है। मथुरा और वृंदावन में होली मिलन का जश्न होता है जिसमें आप भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा आप मथुरा के मुख्य चौक या घाटों पर होली के रंगों का उत्सव मना सकते हैं।

बांके बिहारी मंदिर
रंगभरी एकादशी के दिन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में होली का उत्सव देखने लायक होता है। हर साल यहां भक्त रंगों के साथ भगवान कृष्ण की भक्ति और प्रेम में डूबे होते हैं। इस जगह पर आप होली से पहले भी आ सकते हैं। यहां करीब एक महीने से होली की तैयारियां शुरु हो जाती हैं।
गोकुल होली
मान्यताओं के अनुसार कान्हा बचपन में बहुत ही शरारती थे। गोकुल की गोपियों को उन्हें छेड़ने में बहुत ही मजा आता था। मथुरा में इसी वजह से लठमार होली मनाई जाती है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है जिसमें महिलाएं पीछे-पीछे लाठियां लेकर चलती हैं। बरसाना की लट्ठमार होली के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। नंदगांव में फाग आमंत्रण उत्सव होता है जिसमें होली खेलने के लिए सखियों को न्योता दिया जाता है। इसी दिन बरसाना के श्रीराधारानी मंदिर में लड्डू मार होली खेली जाती है। जिसे आप देखने जा सकते हैं।