बेंगलूरु,। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर राज्य के जल संसाधन क्षेत्र से संबंधित लंबित मुद्दों पर केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। पत्र में मुख्यमंत्री ने कर्नाटक की जल आपूर्ति और सिंचाई परियोजनाओं की त्वरित मंजूरी का आग्रह किया, जो राज्य की कृषि व्यवस्था और किसानों की आय में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले कावेरी नदी पर मेकेदातु परियोजना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने 13 नवम्बर 2025 को तमिलनाडु राज्य के विभिन्न आवेदनों को खारिज करते हुए कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) से परियोजना की अनुमति पर निर्णय लेने को कहा था।
सुक्खू ने केंद्र से अनुरोध किया कि सीडब्ल्यूसी को शीघ्र परियोजना का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया जाए ताकि इसे मंजूरी मिल सके। इसके बाद, मुख्यमंत्री ने कृष्णा जल आवंटन से संबंधित लंबित मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण का निर्णय एक दशक पहले आ चुका है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे अभी तक राजपत्र में अधिसूचित नहीं किया है। इस देरी के कारण कर्नाटक राज्य ने जो भारी निवेश किया है, उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में शीघ्रता बरतने का अनुरोध किया। इसके अतिरिक्त, अपर भद्रा परियोजना के लिए केंद्रीय सहायता की मांग की गई, जिसके लिए केंद्रीय बजट 2023-24 में 5300 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी, लेकिन तीन साल बाद भी यह सहायता जारी नहीं की गई है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय हस्तक्षेप की उम्मीद जताई, जिससे कर्नाटक के सूखाग्रस्त मध्य भाग को इसका लाभ मिल सके।

महादयी बेसिन की परियोजनाओं को लेकर भी मुख्यमंत्री ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन पर्यावरण मंत्रालय से वन और वन्यजीव मंजूरी अब तक नहीं मिली है, जिससे परियोजनाओं का कार्यान्वयन अटक गया है। मुख्यमंत्री ने अंत में नदियों को आपस में जोड़ने के राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण के प्रस्तावों में कर्नाटक को न्यायसंगत हिस्सा दिए जाने की अपील की, ताकि राज्य के जल संसाधनों का सही उपयोग हो सके। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे जल शक्ति मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय को कर्नाटक की लंबित परियोजनाओं को आवश्यक मंजूरी देने के निर्देश दें, जिससे राज्य में सिंचाई क्षेत्र का समग्र विकास और किसानों की भलाई सुनिश्चित हो सके।