ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस प्रणाली में साइबर फ्रॉड: लखनऊ और फतेहपुर मामलों में परिवहन विभाग की कड़ी कार्रवाई, एफआईआर के आदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के निर्देशों के अनुपालन में एक आधार आधारित ऑनलाइन संपर्करहित लर्नर लाइसेंस (Faceless LL) प्रणाली लागू की है। इस सुविधा के तहत आवेदक अपने घर से ही आधार प्रमाणीकरण और फेस रिकग्निशन के माध्यम से ऑनलाइन एलएल परीक्षण दे सकते हैं।
हाल ही में इस ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस प्रणाली में दो गंभीर साइबर धोखाधड़ी और हैकिंग की घटनाएं सामने आई हैं—एक लखनऊ (ट्रांसगोमती एक्सटेंशन) से और दूसरी फतेहपुर जिले से।
1. लखनऊ (ट्रांसगोमती एक्सटेंशन) मामला:
ट्रांसगोमती कार्यालय, लखनऊ से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, लर्नर लाइसेंस आवेदन संख्या 2824300025 (आवेदक: संतोष वर्मा, जन्म तिथि: 04.06.2001) को धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया था। जांच में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए:
(A) आवेदक के आधार फोटो का उपयोग करते हुए एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जनित वीडियो बनाया गया।
(B) इस AI वीडियो का उपयोग कर फेस ऑथेंटिकेशन और लिवनेस टेस्ट (जैसे आंख झपकाना, मुस्कुराना आदि) को अवैध रूप से बायपास किया गया।
(C) LL टेस्ट रिपोर्ट में “No Eye Blink Detected” जैसी असमानताएं मिलीं, जो स्पष्ट करती हैं कि आवेदक स्वयं टेस्ट के दौरान उपस्थित नहीं था।
2. फतेहपुर मामला:
एक अन्य गंभीर मामले में, जिसकी सूचना कार्यालय सहित दैनिक जागरण और राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित हुई थी, लर्नर लाइसेंस में संदिग्ध प्रविष्टियां मिलीं जैसे:

- आवेदक का नाम: “FROUD SALE”
- पिता का नाम: “PAYMENT MAT KAR ASRE”
यह स्पष्ट रूप से NIC सारथी सॉफ्टवेयर प्रणाली में गंभीर घुसपैठ और धोखाधड़ी को दर्शाता है।
दोनों मामलों में परिवहन विभाग द्वारा तत्काल की गई कार्रवाई:
इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त श्री बृजेश नारायण सिंह द्वारा संबंधित एआरटीओ को निम्नलिखित तत्काल और स्पष्ट निर्देश दिए गए:
- दोनों मामलों में लर्नर लाइसेंस को तत्काल रद्द/निरस्त किया जाए।
- संबंधित साइबर कैफे/एजेंसियों/व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (धारा 66C और 66D) के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की जाए।
- NIC और MoRTH को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी जा रही है ताकि सारथी सॉफ्टवेयर में OTP लॉगिन, फेस वेरीफिकेशन, उन्नत लिवनेस टेस्ट, आईपी ट्रैकिंग सहित अन्य सुरक्षा उपायों को तत्काल लागू किया जा सके।
- विभाग के सभी कार्यालयों से पूर्व में जारी लर्नर लाइसेंस की विस्तृत जांच और सुरक्षा ऑडिट कराए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
परिवहन विभाग नागरिकों को आश्वस्त करता है कि ऐसी किसी भी साइबर धोखाधड़ी या कदाचार को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विभाग नागरिकों को सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन जो भी व्यक्ति तकनीकी प्रणाली का दुरुपयोग करने का प्रयास करेगा, उसके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।