यमुना एक्सप्रेसवे के भीषण हादसे में मरने वालों की संख्या 19 हुई, अब तक तीन की ही शिनाख्त

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यमुना एक्सप्रेस हादसे में मृतकों की संख्या 18 हो गयी है। मंगलवार को प्रशासन ने 13 मौत होने की पुष्टि की थी। शवों को पोस्टमार्टम गृह भेजा गया था। बुधवार को 18 शवों के पोस्टमार्टम हुए। देर रात आगरा में एक घायल ने भी दम तोड़ दिया। इस तरह हादसे में मरने वालों की संख्या 19 हो गई। अभी तक मात्र तीन शवों की पहचान हो सकी है। जबकि 15 शवों की पहचान डीएनए से हो सकेगी। अबतक 11 परिजनों ने डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल दिए हैं।

मंगलवार तड़के यमुना एक्सप्रेसवे पर आगरा से मथुरा की ओर आने वाली लेन में बलदेव माइल स्टोन 127 पर 14 वाहन भिड़ गए थे। इस घटना में नौ वाहन जलकर राख हो गए थे, वहीं पांच वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। घने कोहरे के कारण एक वाहन के डिवाइडर से टकराने के बाद पीछे आरहे वाहन एक के बाद एक टकराते चले गए। इसके बाद वाहनों में आग की लपटें उठने लगीं। इनमें एक को छोड़कर बाकी की बसें थीं। एक रोडवेज बस, सात निजी बस और एक कार जली थी। घटना में जो लोग बसों में रह गए, वे इतनी बुरी तरह जले कि उनके शवों को पहचानना भी मुश्किल हो गया। ये शव लोथड़ों में तब्दील हो गए थे।

मंगलवार को प्रशासन ने 13 मौत की पुष्टि की थी। बुधवार को पोस्टमार्टम गृह पहुंचे बैगों में 18 शव मिले। उनके पोस्टमॉर्टम कराए गए। जबकि एक घायल उस्मान (50 वर्ष) निवासी हमीरपुर ने बुधवार को आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि हादसे में 19 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 18 के पोस्टमॉर्टम मथुरा में कराए गए हैं, जबकि एक घायल की मौत आगरा में हुई है। जिन शवों की शिनाख्त हो गई, उनके परिजनों को शव सौंप दिए गए हैं। बाकी के शवों की पहचान के लिए परिजनों के डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं।

चार लोगों ने डीएनए टेस्ट के लिए दिए सैंपल
बुधवार को चार और लोगों ने अपनों के शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए जांच को सैंपल दिए। मंगलवार को सात लोगों ने दिए थे। अबतक 11 लोगों ने अभी तक डीएनए सैंपल दिए हैं। बुधवार को फतेहपुर निवासी नरेंद्र के भाई राजकुमार, संभल निवासी पंकज के पिता जगदीश पाल, कानपुर निवासी सलीम के पुत्र अली अब्बास और हमीरपुर निवासी देवेंद्र के पिता ब्रगभान ने जिला अस्पताल में आज पहुंचकर सैंपल दिए।

आईआरटीई की टीम ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
हादसे की जांच के लिए बुधवार को इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन फरीदाबाद की 11 सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया। टीम के सदस्यों ने घटनास्थल को देखने के बाद जल चुकी कारों का भी निरीक्षण किया। टीम का नेतृत्व कर रहीं आईआरटीई की फॉरेंसिक साइंस की हेड ऑफ द डिपार्टमेंड डॉ. श्रुति गुप्ता ने बताया कि टीम जांच में पता चला है कि घटना के कारण क्या थे। एक्सीडेंट होते रहे हैं लेकिन आज तक इतने वाहनों में आग लगने वाली घटना नहीं हुई है। फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

प्रशासनिक कमेटी ने भी शुरू की जांच
डीएम द्वारा गठित जांच समिति ने भी बुधवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड 1, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन, यमुना एक्सप्रेस प्राधिकरण की तरफ से नामित सदस्य राजेंद्र सिंह भाटी महाप्रबंधक और जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड की तरफ से आनंद सिंह महाप्रबंधक पहुंचे।

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