संसद में आज से बहस शुरू — पहलगाम हमला और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ प्रमुख मुद्दे
रक्षा, गृह और विदेश मंत्री रखेंगे सरकार का पक्ष, विपक्ष उठाएगा जवाबदेही के सवाल
नई दिल्ली: मानसून सत्र के दूसरे सप्ताह की शुरुआत के साथ ही संसद में पहलगाम आतंकी हमला (22 अप्रैल को 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई) और उसके जवाब में शुरू की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तीखी बहस हो रही है।
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लोकसभा में सोमवार 28 जुलाई से शुरू हुई बहस, जिसमें 16 घंटे का समय निर्धारित है लेकिन औसतन यह और लंबी चल सकती है.
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राज्यसभा में यह बहस अगले दिन यानी 29 जुलाई को जारी रहेगी, जिसमें भी 16 घंटे की विशेष चर्चा तय है।
सरकार का मोर्चा
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बहस की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे, इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपनी पक्ष की बात रखेंगे।
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संभव है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बहस में उतरें और जोरदार तरीके से सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति व कार्रवाई का बचाव करें।
विपक्ष की रणनीति
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राहुल गांधी (लोकसभा नेता विपक्ष), मल्लिकार्जुन खड़गे (राज्यसभा में विपक्ष), और अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी) मुख्य भूमिका में हैं, जो सरकार पर तीखे सवाल खड़े कर सकते हैं।
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कांग्रेस ने तीन दिनों के लिए अपने सभी लोकसभा सदस्यों को हाज़िर रहने का निर्देश (व्हिप) जारी किया है, जिससे बहस में भारी उपस्थिति रहेगी।
विपक्ष के मुख्य आरोप
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सूचना एवं खुफिया विफलताओं को लेकर सवाल उठाए जाएंगे—पूछा जा सकता है कि हमला कैसे हुआ जबकि चेतावनी संकेत थे?
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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हस्तक्षेप या बयान को लेकर भी विपक्ष सरकार की विदेश नीति पर हमला कर सकता है.
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पचिम कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने हमला करते आतंकियों की पाकिस्ताना से संबंध मानने की सरकार की मान्यता पर सवाल खड़ा कर दिया है, जिससे बहस और भी तीव्र हो सकती है।
सरकार का बचाव
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सरकार द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के रणनीतिक और तकनीकी पक्ष को उठाया जाएगा — जैसे सटीक निशानाबाजी, हाई-प्रिसीजन हमले, और आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाना।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आधुनिक युद्ध लॉजिस्टिक्स और समय पर संसाधन प्रबंधन से जीते जाते हैं, न कि सिर्फ हथियार से — ऑपरेशन तदनुसार सफल हुआ।
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प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन की सफलता के बाद एक नए आत्मविश्वास का संदेश देते हुए कहा कि भारत अब आतंकवाद को किसी भी जगह बर्दाश्त नहीं करेगा।
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रक्षा विशेषज्ञ अजित दवल ने खुलकर बताया कि ऑपरेशन सिर्फ 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर 23 मिनट में पूरा हुआ, जिससे 100 से अधिक आतंकवादी मार गिराए गए, जबकि भारत में कोई भी नुकसान नहीं हुआ — विदेशी मीडिया द्वारा किए गए उलट दावों को चुनौती दी गई।