नई दिल्ली: व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में तीखी चर्चा हुई। इस टकराव के बाद अमेरिकी प्रशासन ने यूक्रेन को दी जा रही सहायता में संभावित भ्रष्टाचार और दुरुपयोग की जांच को तेज करने का फैसला किया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि एलन मस्क और उनकी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी पहले से ही यूक्रेन को दी गई आर्थिक और सैन्य सहायता में अनियमितताओं की जांच कर रहे थे, लेकिन अब इस प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी। अधिकारी ने कहा कि वे पहले ही कई खामियां उजागर कर चुके हैं। इसके साथ ही, ट्रंप अब यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता को पूरी तरह बंद करने पर विचार कर रहे हैं।
जेलेंस्की पर असभ्य व्यवहार का आरोप
बैठक के दौरान ट्रंप और जेलेंस्की के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के उपायों को लेकर मतभेद सामने आए, जिससे बातचीत में तनाव बढ़ गया। ट्रंप ने जेलेंस्की पर असभ्य व्यवहार करने का आरोप लगाया, जबकि जेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रतिबद्धताओं पर संदेह जताया। इस टकराव के चलते ट्रंप ने बैठक को बीच में ही समाप्त कर दिया और जेलेंस्की को व्हाइट हाउस छोड़ने के लिए कहा।

एलन मस्क ने दिए जांच के संकेत
इस बैठक के बाद एलन मस्क ने भी इस मामले की जांच के संकेत दिए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि अब समय आ गया है यह जानने का कि यूक्रेन को भेजे गए सैकड़ों अरब डॉलर वास्तव में कहां और कैसे खर्च हुए।
इन देशों ने फिर दिया समर्थन
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका और वहां की जनता के समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका देश न्यायसंगत और स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में प्रयासरत है। दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि जेलेंस्की ने ओवल ऑफिस में अमेरिका का अपमान किया। ट्रंप ने यह भी कहा कि जब यूक्रेन शांति के लिए तैयार होगा, तभी उसे दोबारा बातचीत का अवसर मिलेगा। इस विवाद के बावजूद, जर्मनी, फ्रांस और पोलैंड जैसे देशों ने यूक्रेन के प्रति अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की है।