गौतमबुद्धनगर में विद्यालय वाहनों की सुरक्षा पर जिला प्रशासन सख्त, नियम उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई

वाहन फिटनेस, ड्राइवर सत्यापन, CCTV-GPS सहित सुरक्षा उपायों की अनदेखी पर प्रबंधक और प्रधानाचार्य की तय होगी व्यक्तिगत जिम्मेदारी

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जनपद के समस्त मान्यता प्राप्त विद्यालयों में वाहनों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन सख्त

शासन के द्वारा निर्गत नियमों का उल्लंघन करने पर विद्यालय प्रबंधक/प्रधानाचार्य की तय होगी व्यक्तिगत जवाबदेही

गौतमबुद्धनगर: जनपद के समस्त मान्यता प्राप्त विद्यालयों में विद्यालय वाहनों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जनपद के सभी मान्यता प्राप्त विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे परिवहन से जुड़े सभी कानूनी एवं सुरक्षा मानकों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करें, अन्यथा संबंधित विद्यालय प्रबंधक अथवा प्रधानाचार्य के विरुद्ध व्यक्तिगत स्तर पर विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश एवं जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) डॉ. उदित नारायण पांडे ने बताया कि विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। हाल ही में 01 से 15 जुलाई तक जनपद सहित पूरे प्रदेश में चले विशेष जांच अभियान में अनेक विद्यालय वाहन ऐसे पाए गए जो फिटनेस प्रमाणपत्र के बिना, बिना वैध परमिट, बिना GPS, CCTV, अग्निशमन यंत्र, प्राथमिक उपचार किट तथा अन्य अनिवार्य सुरक्षा उपकरणों के बिना संचालित हो रहे थे। कई मामलों में चालकों का पुलिस सत्यापन व स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं किया गया था, जो अत्यंत चिंता जनक है।
इस परिप्रेक्ष्य में समस्त मान्यता प्राप्त विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि परिसर से संचालित विद्यालय वाहनों के लिए प्रबंधक/प्रधानाचार्य की पूर्ण व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। सभी वाहनों के पास वैध परमिट (SR-23क/21क/21बी), फिटनेस, बीमा, पीयूसी एवं चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है।
इसके अतिरिक्त सभी विद्यालय वाहनों में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे, फायर एक्सटिंग्विशर, फर्स्ट एड बॉक्स, सीट बेल्ट एवं आपातकालीन निकास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। चालक एवं परिचालक का पुलिस सत्यापन, स्वास्थ्य परीक्षण और अनिवार्य प्रशिक्षण कराना होगा। छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला परिचारक की तैनाती भी अनिवार्य कर दी गई है।
प्रत्येक विद्यालयों में ‘विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति’ का गठन करते हुए उसकी मासिक बैठकें आयोजित कर उनके निर्णयों का अनुपालन करना होगा। जो निजी पंजीकृत वाहन विद्यालय से विद्यार्थियों को लाते हैं, उनका विधिक करार विद्यालय प्रशासन से किया जाए एवं उन्हें SR-21बी परमिट हेतु औपचारिक रूप से प्रस्तावित किया जाए।
उन्होंने सभी विद्यालयों को यह भी निर्देशित किया गया है कि परिवहन सुरक्षा से संबंधित दस्तावेज एवं मासिक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रत्येक माह संबंधित एआरटीओ कार्यालय में जमा करें। परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि नियमों के उल्लंघन अथवा किसी दुर्घटना या आपराधिक घटना की स्थिति में यदि विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही प्रमाणित होती है, तो संबंधित प्रबंधक/प्रधानाचार्य के विरुद्ध आपराधिक, प्रशासनिक एवं विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही, विद्यालय की मान्यता निरस्त करने की संस्तुति भी की जा सकती है।

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