गुजरात में सुजुकी प्लांट से ई-विटारा इलेक्ट्रिक कार लॉन्च, पीएम मोदी ने भारत-जापान रिश्तों पर दिया जोर

हंसलपुर प्लांट से शुरू हुआ ई-विटारा का उत्पादन

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गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के हंसलपुर स्थित सुजुकी मोटर प्लांट में भारत में बनी पहली मारुति सुजुकी ई-विटारा इलेक्ट्रिक कार के उत्पादन की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने भारत और जापान के बीच गहरे और भरोसेमंद रिश्ते पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देश एक-दूसरे की प्रगति में अपनी प्रगति देखते हैं और यही इस साझेदारी की असली नींव है। पीएम मोदी ने बताया कि भारत-जापान औद्योगिक सहयोग की शुरुआत भी गुजरात से हुई थी, जिसने दोनों देशों के आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्तों को नई दिशा और मजबूती दी है।

पीएम मोदी ने जापान को भारत का अहम सहयोगी बताते हुए कहा कि दोनों देशों ने हमेशा हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ निभाया है। उन्होंने बताया कि भारतीयों ने जापानी नागरिकों का आत्मीयता से ख्याल रखा है, जो इस रिश्ते की गहराई को दर्शाता है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने साझा किया कि वह अपने विजिटिंग कार्ड जापानी भाषा में बनवाते थे और प्रोमोशनल वीडियो भी जापानी में डब करवाते थे। यह उनकी ओर से जापानी संस्कृति और लोगों के प्रति सम्मान और अपनत्व का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जापान का प्रकृति और सांस्कृतिक पारिस्थितिकी को प्राथमिकता देना भारत और विशेषकर गुजरात की सोच से मेल खाता है। उन्होंने बताया कि जापानी साथियों की रुचियों को ध्यान में रखते हुए गुजरात में 7-8 नए गोल्फ कोर्स विकसित किए जा रहे हैं। यह पहल न सिर्फ दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव को मजबूत करेगी, बल्कि आपसी सहयोग और समझ को भी और गहरा बनाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि सतत विकास के लिए हर बारीकी पर ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत-जापान संबंधों को और गहरा करने के लिए व्यापार, निवेश, रक्षा, सेमीकंडक्टर और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे सभी क्षेत्रों में सहयोग को निरंतर बढ़ाया जाएगा। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि दोनों देश एक स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं, जो वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प पर जोर देते हुए कहा कि हमें गर्व के साथ स्वदेशी की ओर कदम बढ़ाने चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि निवेश चाहे कहीं से भी आए, लेकिन उत्पादन की प्रक्रिया में मेहनत और पसीना भारतीयों का होना चाहिए। उनका संदेश था कि आत्मनिर्भर भारत की असली ताकत हमारे देशवासियों की भागीदारी और उनकी मेहनत में निहित है।

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