नई दिल्ली : भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में घोषणा की कि उसके EOS-06 उपग्रह पर लगे ओशन कलर मॉनिटर (OCM) सेंसर ने दुनिया भर में फाइटोप्लांकटन की सांद्रता को मापा है। ISRO ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर कहा, “EOS-06 में लगे OCM सेंसर ने वैश्विक स्तर पर फाइटोप्लांकटन की सांद्रता को मापा। यह सेंसर 2 दिनों की आवृत्ति पर समुद्र के पानी में क्लोरोफिल-ए (Chl-a) की सांद्रता को रिकॉर्ड करता है। यह डेटा जनवरी से दिसंबर 2024 तक के एक किमी रिज़ॉल्यूशन पर एकत्र किया गया है। महासागरों के रंगों का अध्ययन वैश्विक स्तर पर समुद्री जीवन और पर्यावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।”
EOS-06 उपग्रह के बारे में
EOS-06, जिसे ओशनसैट-3 भी कहा जाता है, भारत के ओशनसैट उपग्रहों की तीसरी पीढ़ी है। यह ओशनसैट-2 के द्वारा दी गई सेवाओं को और बेहतर बनाते हुए समुद्र और पर्यावरण पर अध्ययन करता है। इस उपग्रह में कई महत्वपूर्ण उपकरण हैं, जिनमें ओशन कलर मॉनिटर (OCM-3), समुद्र की सतह का तापमान मॉनिटर (SSTM), कू-बैंड स्कैटरोमीटर (SCAT-3) और ARGOS शामिल हैं, जो पर्यावरण डेटा संग्रहण में मदद करते हैं।

ISRO के अनुसार, EOS-06 उपग्रह को समुद्र विज्ञान, मौसम और जलवायु अध्ययन के लिए समुद्र के रंग, समुद्र की सतह का तापमान और हवा की दिशा के बारे में डेटा इकट्ठा करने के लिए भेजा गया था। यह उपग्रह मछली पकड़ने के लिए अच्छे क्षेत्रों का अनुमान भी लगाने में मदद करता है।
उद्देश्य और लाभ
EOS-06 का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक अध्ययन और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों को बेहतर बनाना है। इसके द्वारा एकत्रित डेटा जलवायु परिवर्तन, मछली पालन और मौसम के पैटर्न के बारे में अधिक सटीक जानकारी प्रदान करता है। इस उपग्रह को ISRO के URSC (यू आर राव सैटेलाइट सेंटर) से PSLV-C54 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका वजन लगभग 1,117 किलोग्राम है और यह वैश्विक महासागरों का अध्ययन करने में मदद करता है, ताकि वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और मौसम पैटर्न को बेहतर समझ सकें।