मुंबई । फिल्म निर्माता निर्देशक सुभाष घई (Film producer director Subhash Ghai) ने ‘मोहम्मद रफी म्यूजिक स्कॉलरशिप’ (‘Mohammad Rafi Music Scholarship’) देने की घोषणा की (Announced to give) । सुभाष घई की ‘व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल’ ने यह स्कॉलरशिप संगीत के क्षेत्र में उभरती प्रतिभाओं को सम्मान और सहायता देने के लिए दी जाएगी । यह पहल नई पीढ़ी के कलाकारों को आगे बढ़ने में मदद करेगी।
यह सालाना छात्रवृत्ति है, जो उन छात्रों को दी जाएगी, जो संगीत को समर्पित होंगे और उनकी गायकी या संगीत में दम-खम होगा। यह म्यूजिक स्कूल के छात्रों के लिए एक बड़ा मौका होगा। 5 मई को महान सिंगर के बेटे शाहिद मोहम्मद रफी की उपस्थिति में यह स्कॉलरशिप लॉन्च की जाएगी, जो कैडेंस म्यूजिक फेस्टिवल 2025 के उद्घाटन समारोह में विशेष अतिथि बनकर शामिल होंगे।

स्कॉलरशिप के बारे में बात करते हुए सुभाष घई ने कहा, “रफी साहब का संगीत आज भी पीढ़ियों को प्रेरणा देता है। इस स्कॉलरशिप के जरिए हम ऐसे युवा टैलेंट को आगे बढ़ाना चाहते हैं, जिनमें संगीत के प्रति वही जुनून और समर्पण हो जो रफी साहब में था। यह पहल न सिर्फ एक महान कलाकार को श्रद्धांजलि है, बल्कि भारत के आने वाले संगीत सितारों को तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।” वर्कफ्रंट की बात करें तो सुभाष घई की अगली फिल्म ‘अमायरा’ 16 मई को रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म में व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल की पूर्व छात्रा साई गोडबोले, राजेश्वरी सचदेव और अजिंक्य देव नजर आएंगे।
हिंदी सिनेमा को मोहम्मद रफी ने कई सदाबहार गाने दिए हैं, जो आज भी लोगों की जुबान पर रहते हैं। उनकी आवाज में गाए गए गाने को सुनकर लोग झूमने लगते हैं। आज वह बेशक हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन गानों के जरिए लोग उन्हें अभी भी याद करते हैं। मोहम्मद रफी ने एक हजार से ज्यादा गीतों को आवाज दी है। उन्होंने ‘लिखे जो खत तुझे’, ‘कौन है जो सपनों में आया’, ‘पर्दा है पर्दा’, ‘गुलाबी आंखें जो तेरी देखी’, ‘दर्दे दिल दर्दे जिगर’, ‘क्या से क्या हो गया’, ‘अभी ना जाओ छोड़ कर’, ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को’, ‘तेरी बिंदिया रे’, ‘दिल का भंवर करे पुकार’, ‘दिवाना हुआ बादल’, ‘चौदहवीं का चांद हो’, ‘गुनगुना रहे हैं भंवरे’, ‘चांद मेरा दिल चांदनी हो तुम’, ‘क्या हुआ तेरा वादा’ जैसे सदाबाहर गाने गाए हैं।