फर्रुखाबाद में दो दशक का रिकॉर्ड तोड़ते हुए गंगा ने रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। सौ से अधिक गांव टापू बन गए हैं। बाढ़ से करीब 23 हजार परिवार प्रभावित हैं। वहीं, कन्नौज में भी गंगा खतरे के निशान की ओर बढ़ रही हैं। फर्रुखाबाद में गंगा के जलस्तर ने इस बार दो दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। साल 2010 की बाढ़ से अधिक इस बार पानी है। गंगा का कहर कंपिल की कटरी से लेकर शमसाबाद की तराई, गंगापार, सदर तहसील के निकटवर्ती क्षेत्र और कमालगंज के भोजपुर क्षेत्र में बरप रहा है। गंगापार के हालात ज्यादा खराब हैं।
गंगा और रामगंगा नदियों के बीच में बसे सौ से अधिक गांव टापू बने गए हैं। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, 3645 हेक्टेयर से अधिक फसल बाढ़ से जलमग्न हो गई है। बुधवार को गंगा का जलस्तर 15 सेंमी बढ़कर 137.45 मीटर तक पहुंच गया है जो कि खतरे के निशान से 35 सेंमी ऊपर है। रामगंगा का जलस्तर 10 सेंमी बढ़कर 136.90 मीटर पर पहुंच गया है यह चेतावनी बिंदु से 30 सेंमी ऊपर है। वहीं, कन्नौज में भी गंगा ने कहर ढाना शुरू कर दिया है। मेहंदीघाट से सटे बक्शीपुर व कासिमपुर समेत आसपास के गांवों में पानी घुसने लगा है। हालांकि जलस्तर अभी खतरे के निशान से 29 सेंमी नीचे है।
मोतीनगला में बाढ़ के पानी में बहकर पूर्व प्रधान लापता
कायमगंज के तराई क्षेत्र में बुधवार को बाढ़ का पानी एक बार फिर कहर बनकर सामने आया। मोतीनगला गांव निवासी पूर्व प्रधान नंदकिशोर उर्फ भूरे अपने साथी पचरौली महादेवपुर निवासी लड़ैते के पुत्र भूरे के साथ निकले थे। इस दौरान नई नाव को ट्रैक्टर से उतारा गया, लेकिन नाव चलाने का साधन न होने पर दोनों पानी से गुजरने लगे। अचानक तेज बहाव में दोनों गहरे पानी में डूब गए। भूरे ने ग्रामीणों ने तत्काल प्रयास कर भूरे को सकुशल बाहर निकाल लिया, लेकिन पूर्व प्रधान तेज धारा में बहकर लापता हो गए।

घटना की जानकारी मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने मामले की सूचना तहसील प्रशासन और पुलिस को दी। मौके पर क्षेत्रीय लेखपाल दीपक कुमार और आशीष वर्मा और पुलिस पहुंची। ग्रामीणों ने काफी खोजबीन की, लेकिन समाचार लिखे जाने तक पूर्व प्रधान का कोई पता नहीं चल सका था। पूर्व प्रधान के परिजन बेहद परेशान है। हालांकि उन्हें खोजने का प्रयास किया जा रहा। गांववाले भी तलाश में लगे हैं।
बाढ़ से 185 स्कूल बंद
फर्रुखाबाद। गंगा की बाढ़ से 185 परिषदीय विद्यालय घिर गए हैं। इनमें शिक्षक भी नहीं पहुंच पा रहे है। पठन पाठन पूरी तरह से बंद हो गया है। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी अनुपम अवस्थी ने बताया कि राजेपुर ब्लाक क्षेत्र के 85, कायमंज क्षेत्र के 42, बढ़पुर के 19 और शमसाबाद ब्लाक क्षेत्र के 39 विद्यालय बाढ़ के पानी से घिर गए हैं जिसके कारण इनमें शिक्षण कार्य नही हो पा रहा है। जलस्तर कम होते ही विद्यालय खोले जाएंगे।