नूंह/फरीदाबाद: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सोमवार की सुबह घने कोहरे की सफेद चादर जानलेवा साबित हुई। विजिबिलिटी बेहद कम होने के कारण एक्सप्रेसवे पर रफ्तार का कहर देखने को मिला, जहां फरीदाबाद और नूंह जिले में हुए अलग-अलग भीषण सड़क हादसों में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। धुंध इतनी घनी थी कि ड्राइवरों को कुछ फीट की दूरी पर भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, जिसके चलते एक के बाद एक गाड़ियां आपस में टकराती चली गईं। इन हादसों में 10 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मरने वालों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल है।
नूंह जिले में हालात सबसे ज्यादा भयावह रहे, जहां सुबह करीब 4 बजे राजस्थान से दिल्ली जाने वाली लेन पर कोहरे के चलते लगभग 30 वाहन आपस में भिड़ गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कई गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए। इस पाइल-अप (वाहन भिड़ंत) में दो लोगों की जान चली गई। मृतकों की पहचान अलवर निवासी सीआईएसएफ के सब-इंस्पेक्टर हरीश कुमार और जयपुर के कारोबारी खलील अहमद के रूप में हुई है। घायलों को मांडीखेड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस और एंबुलेंस के देरी से पहुंचने का आरोप भी लगाया है।

वहीं, फरीदाबाद के कैल गांव के पास भी कोहरे ने दो जिंदगियां लील लीं। यहां एक तेज रफ्तार एंडेवर कार सड़क किनारे खड़े एक कैंटर में जा घुसी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार सवार तीन लोगों में से दो की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। मृतकों में एक की पहचान जयपुर निवासी संदीप कुमार के रूप में हुई है, जबकि दूसरे की शिनाख्त के प्रयास जारी हैं। इसी जगह पर एक क्रेटा कार भी कैंटर से टकराई, लेकिन गनीमत रही कि उसका चालक बाल-बाल बच गया। पुलिस ने क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाकर यातायात सुचारू करवाया है और वाहन चालकों को कोहरे में फॉग लाइट का इस्तेमाल करने और धीमी गति से गाड़ी चलाने की सलाह दी है।