कैबिनेट से मिली वक्फ बिल को मंजूरी, 10 मार्च से शुरू हो रहे संसद सत्र में ला सकती है सरकार

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नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने वक्फ (संशोधन) बिल में हाल ही में संसदीय समिति द्वारा सुझाए गए बदलावों को मंजूरी दे दी है। इसके बाद यह बिल बजट सत्र के दूसरे भाग में चर्चा और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार ने अधिकांश बदलावों को शामिल किया है, जिसकी सिफारिश जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने की थी। कैबिनेट ने इसे पिछले सप्ताह भारतीय बंदरगाह विधेयक के साथ मंजूरी दी। इस बिल को सरकार ने अपने विधायी कार्यों की प्राथमिकता सूची में रखा है।

विधेयक को अगस्त 2024 में लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू द्वारा पेश किए जाने के बाद संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था। संसदीय पैनल ने बहुमत से अपनी रिपोर्ट को मंजूरी दी। हालांकि पैनल के सभी 11 विपक्षी दलों के सांसदों ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी और असहमति नोट भी पेश किए थे। 655 पन्नों की यह रिपोर्ट इस महीने दोनों सदनों में प्रस्तुत की गई थी। पैनल ने “वक्फ बाय यूजर” प्रावधान को समाप्त कर दिया है और अब केवल मौजूदा “रजिस्टर्ड वक्फ बाय यूजर” को वक्फ के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव है। इसका मतलब है कि उन मामलों को बाहर रखा जाएगा जिनमें संपत्ति विवादित हैं या सरकारी स्वामित्व में हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, पैनल ने वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का समर्थन किया है। इसकी संख्या चार तक हो सकती है। जिला कलेक्टरों से विवादों की जांच का अधिकार वरिष्ठ राज्य सरकार के नियुक्त अधिकारियों को सौंपने की सिफारिश की है। राज्य वक्फ बोर्डों में अब मुस्लिम ओबीसी समुदाय से एक सदस्य को शामिल किया जाएगा, जिससे अधिक व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा।

बता दें कि इससे पहले वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि ऐसी फर्जी रिपोर्ट को हम नहीं मानते, सदन इसे कभी नहीं मानेगा. संसदीय समिति ने वक्फ बिल में नए बदलावों पर अपनी रिपोर्ट को 29 जनवरी को मंजूरी दी थी. इस रिपोर्ट के पक्ष में 15 और विरोध में 14 वोट पड़े थे. रिपोर्ट में उन बदलावों को शामिल किया गया है, जो बीजेपी सांसदों ने दिए थे. विपक्षी सांसदों ने वक्फ बोर्डों को खत्म करने की कोशिश बताते हुए असहमति नोट जमा कराए थे. विपक्ष ने वक्फ बिल को लेकर कई आपत्तियां दर्ज कराई थीं. इसके अलावा ‘वक्फ बाय यूजर’ प्रावधान को हटाने के प्रस्ताव का विरोध भी किया था.

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