जम्मू कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बारिश, जम्मू-पठानकोट हाईवे पर पुल क्षतिग्रस्त, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

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जम्मू/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में शनिवार रातभर हुई भारी बारिश के कारण कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक महत्वपूर्ण पुल क्षतिग्रस्त हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शीतकालीन राजधानी जम्मू में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 190.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो एक सदी में इस माह में हुई दूसरी सबसे अधिक बारिश है। इससे पहले अगस्त में पांच अगस्त 1926 को सबसे अधिक 228.6 मिलीमीटर दर्ज की गई थी। अधिकारियों ने चेतावनी जारी कर लोगों से अपील की है कि वे जलस्रोतों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें।

मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार, 27 अगस्त तक पहाड़ी इलाकों में मध्यम से भारी बारिश, बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की आशंका है। यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रणनीतिक रूप से अहम 250 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और 434 किलोमीटर लंबा श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग भारी बारिश के बावजूद यातायात के लिए खुला है।

हालांकि, पुंछ और राजौरी (जम्मू) को दक्षिण कश्मीर के शोपियां से जोड़ने वाली मुगल रोड और जम्मू के किश्तवाड़ एवं डोडा जिलों को अनंतनाग (दक्षिण कश्मीर) से जोड़ने वाली सिंथन रोड पर विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण आवाजाही बंद कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि कठुआ जिले में भारी बारिश के कारण सहर खड्ड नाले के उफान पर होने के कारण जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर लोगेट मोड़ के पास एक पुल बीच से क्षतिग्रस्त हो गया।

उन्होंने बताया कि इसके बाद राजमार्ग पर यातायात को वैकल्पिक पुल के रास्ते से भेजा जा रहा है। जम्मू शहर में भारी बारिश के कारण सामान्य जीवन प्रभावित हो गया। नालों और नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण सड़कें जलमग्न हो गईं और जानीपुर, रूप नगर, तालाब तिल्लो, ज्वेल चौक, न्यू प्लॉट और संजय नगर जैसे इलाकों में पानी घरों में घुस गया। अधिकारियों ने बताया कि कई घरों की चारदीवारी भी क्षतिग्रस्त हो गईं, जबकि लगभग 12 वाहन अचानक आई बाढ़ में बह गए।

अधिकारियों ने बताया कि सांबा में बसंतर, कठुआ में उझ एवं रावी, डोडा, किश्तवाड़, रामबन एवं जम्मू में में चिनाब और उधमपुर एवं जम्मू में तवी सहित प्रमुख नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, जिसके कारण प्रशासन ने आपदा मोचन दलों और स्थानीय पुलिस को अलर्ट पर रखा है। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन बारिश के कारण जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ तथा उत्तरी कश्मीर के गुरेज में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है।

जम्मू क्षेत्र के उधमपुर में सबसे अधिक 144.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिसके बाद रियासी जिले में वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए आधार शिविर कटरा में 115 मिलीमीटर, सांबा में 109 मिलीमीटर और कठुआ में 90.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। अधिकारियों ने बताया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में 13.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

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