देहरादून। उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। रविवार को मसूरी में हुई भारी बारिश ने हालात गंभीर कर दिए। कैंपटी फॉल क्षेत्र में बारिश के दौरान झरना अचानक उफान पर आ गया और विकराल रूप में नजर आया। झरने से गिरते पानी के तेज बहाव के साथ मलबा और पत्थर भी बहने लगे, जिससे वहां मौजूद पर्यटकों के बीच हड़कंप मच गया।
रविवार दोपहर बाद अचानक मौसम बिगड़ा और करीब तीन बजे के आसपास कैंपटी फॉल का दृश्य डरावना हो गया। तेज बारिश के कारण पहाड़ियों से भारी मात्रा में मलबा और चट्टानें नीचे गिरने लगीं, जिससे झरने का बहाव और अधिक तेज हो गया।
हालात को भांपते हुए पुलिस और प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए कैंपटी फॉल क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी। इसके साथ ही झरने के पास मौजूद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बताया जा रहा है कि मलबा झील में जमा हो गया है और इसके साथ ही झरने के पास मौजूद तीन से चार दुकानों में भी पानी घुस गया।
मसूरी के कैम्पटी फॉल में भारी बारिश से प्राकृतिक वाटर फॉल ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस वाटर फॉल के रौद्र रूप में आने से आसपास अफरा-तफरी का माहौल बन गया।#Uttarakhand pic.twitter.com/qzx69DutLT
— ऋषभ सिंह रावत (@indian_RSingh) May 4, 2025
भारी बारिश की वजह से त्यूणी-मलेथा हाईवे पर भी कुछ समय के लिए यातायात बाधित रहा। हालांकि राहत की बात यह है कि इस पूरी घटना में किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं मिली है।
इस बीच मौसम विभाग ने राज्य के लिए 8 मई तक खराब मौसम की चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर और हरिद्वार जिलों में अगले 12 घंटों के दौरान गरज-चमक, तेज हवाओं और बारिश की संभावना जताई गई है। कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी हो सकती है। तेज हवाओं की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम को देखते हुए सावधानी बरतें और आवश्यक न हो तो पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से फिलहाल परहेज करें।
