नई दिल्ली: बरसात के मौसम में कई स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं। इनमें से एक सबसे आम समस्या है साइनस की समस्या। सिरदर्द, नाक बंद होना और गले में खराश न केवल सर्दियों में, बल्कि बरसात के मौसम में भी आम समस्याएँ हैं। ये लक्षण अक्सर साइनस संक्रमण या साइनसाइटिस का संकेत देते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, बरसात के मौसम में नमी, एलर्जी और संक्रमण का खतरा ज़्यादा होता है, जिससे समस्या और बढ़ जाती है।
साइनसाइटिस के कारण व्यक्ति को सिरदर्द, नाक बंद होना, नाक बहना, आँखों के पास दबाव और गले में जलन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। आइए जानें कि साइनस की समस्या किन कारणों से होती है:
नमी और जीवाणु वृद्धि
विशेषज्ञों के अनुसार, बरसात के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जब ये बैक्टीरिया और फंगस नाक के रास्ते साइनस तक पहुँचते हैं, तो वे सूज जाते हैं और बंद हो जाते हैं। यही कारण है कि बरसात के मौसम में नाक बहना, बंद नाक और तेज़ सिरदर्द जैसे लक्षण ज़्यादा देखने को मिलते हैं।
एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है
इसके अलावा, इस मौसम में एलर्जी की समस्या भी ज़्यादा होती है। जिन लोगों को एलर्जी की समस्या होती है, उन्हें बारिश के मौसम में ज़्यादा परेशानी होती है। इस एलर्जी के कारण साइनस में सूजन आ सकती है, जिससे नाक बंद हो सकती है और साइनस पर दबाव बढ़ सकता है।

बार-बार सर्दी-जुकाम
एक और कारण बार-बार सर्दी-ज़ुकाम होना है। बरसात के मौसम में तापमान में तेज़ी से उतार-चढ़ाव होता है। कभी बहुत ज़्यादा ठंड, कभी उमस भरी गर्मी। ऐसे बदलाव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करते हैं और लोगों को जल्दी सर्दी-ज़ुकाम हो जाता है। अगर सर्दी-ज़ुकाम लंबे समय तक ठीक न हो, तो यह धीरे-धीरे साइनस संक्रमण का रूप ले सकता है।
वेंटिलेशन की कमी
वहीं, बारिश के मौसम में वेंटिलेशन की कमी के कारण भी साइनस की समस्या बढ़ सकती है। इस मौसम में लोग नमी और मच्छरों को अंदर आने से रोकने के लिए अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर देते हैं। हालाँकि, इससे घर के अंदर हवा का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता और शरीर लगातार वातावरण में मौजूद एलर्जी और बैक्टीरिया से प्रभावित होता रहता है। इससे साइनस के लक्षण और बिगड़ सकते हैं।
डॉक्टर क्या सलाह देते हैं?
डॉक्टर बारिश के मौसम में नाक और गले की सफ़ाई पर ख़ास ध्यान देने की सलाह देते हैं। भाप लें, गुनगुने नमक वाले पानी से गरारे करें और जितना हो सके अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें। अगर साइनस के लक्षण तीन दिन से ज़्यादा रहें, तो जाँच करवाएँ।