दिल्ली में कैसे बनेगा सहेली स्मार्ट कार्ड, कौन से डाक्यूमेंट्स हैं जरूरी, कैसे आवेदन होगा? जानिए हर सवाल का जवाब
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय की यात्रा और भी आसान होने जा रही है। दिल्ली सरकार की बसों में 12 साल से अधिक आयु की महिलाओं और ट्रांसजेंडर को सहेली स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। इसमें यात्री की फोटो और नाम लिखा होगा। इस कार्ड को पास में रखने से पिंक टिकट नहीं लेना पड़ेगा और बस का किराया भी नहीं देना होगा।
सहेली स्मार्ट कार्ड के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
- सहेली स्मार्ट कार्ड को लेने के लिए दिल्ली का मूल निवासी होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 12 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- आवेदक के पास दिल्ली में रहने का वैध प्रमाण होना चाहिए।
कैसे आवेदन किया जा सकता है?
- सहेली स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए आवेदक को डीटीसी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।
- फॉर्म भरते समय आवेदक को अपने पंसद की नजदीकी बैंक का नाम भरना पड़ेगा।
- चुनी गई बैंक शाखा में केवाईसी सत्यापन पूरा करना होगा।
- केवाईसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैंक द्वारा आवेदक के पंजीकृत पते पर कार्ड भेज दिया जाएगा।
कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- दिल्ली में निवास का प्रमाण
- पासपोर्ट आकार की तस्वीर
- बैंक में केवाईसी मानदंडों के तहत आवश्यक कोई अन्य दस्तावेज़
अगर आपका कार्ड खो जाता है तो क्या होगा?
अगर कार्ड खो जाता है तो उपयोगकर्ताओं को इसकी सूचना जारी करने वाले बैंक को देनी होगी, जो अपनी शर्तों के अनुसार दूसरा कार्ड मुहैया कराई जाएगी।
कार्ड बनवाने के बाद यहां करवाना होगा एक्टिवेट
कार्ड को इस्तेमाल करने से पहले डीटीसी के ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम (एएफसीएस) के जरिए एक्टिवेट करना होगा। हालांकि, टॉप अप के बाद कार्ड का इस्तेमाल दूसरे ट्रांज़िट सिस्टम पर भी किया जा सकता है, लेकिन इस योजना के तहत मुफ़्त यात्रा का लाभ डीटीसी और क्लस्टर बसों तक ही सीमित है। डीटीसी द्वारा सीधे कोई कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। पंजीकरण पूरी तरह से डीटीसी पोर्टल के ज़रिए ऑनलाइन है और कार्ड सिर्फ़ चुने गए बैंक द्वारा केवाईसी सत्यापन के बाद ही जारी किए जाते हैं। बता दें कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) दिल्ली में 44 और नोएडा में एक डिपो संचालित करता है, जिसके पास 3,266 बसों का सक्रिय बेड़ा है, जिसमें 1,950 इलेक्ट्रिक और 1,694 सीएनजी बसें शामिल हैं।