एक प्रमुख सहायता संगठन ‘सेव द चिल्ड्रन’ ने बताया कि अब तक 150 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है, जिनमें 40 बच्चे भी शामिल हैं। सभी का उपचार किया जा रहा है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं, लेकिन कठिन भू-प्राकृतिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के कारण प्रयासों में बाधाएं आ रही हैं। भूस्खलन का प्रभाव इतना व्यापक है कि पूरे गांव को भारी नुकसान पहुंचा है। मकान मलबे में दब गए हैं और जीवित बचे लोग खुले में रहने को मजबूर हैं। पानी, दवा और भोजन की भारी किल्लत बनी हुई है, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं और उनके जीवित बचे रहने की संभावना कम होती जा रही है।
‘सूडान लिबरेशन मूवमेंट आर्मी’ के प्रवक्ता मोहम्मद अब्देल-रहमान अल-नायर ने इस आपदा को भयानक करार देते हुए कहा कि मृतकों की संख्या एक हजार से अधिक हो सकती है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत मदद की अपील की है, ताकि राहत कार्यों को तेज किया जा सके और बचे हुए लोगों की जान बचाई जा सके।

यह आपदा सूडान में पहले से मौजूद मानवीय संकट को और गहरा कर रही है, जहां हिंसा, राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक तंगी जैसी समस्याएं पहले से ही जारी हैं। बच्चों की बड़ी संख्या में मृत्यु ने इस त्रासदी को और भी दर्दनाक बना दिया है और यह दर्शाता है कि प्राकृतिक आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित अक्सर कमजोर और असहाय वर्ग ही होते हैं।
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.