आप भी लगाते हैं नजर का चश्‍मा तो इन बातों का रखें खास ध्‍यान, सुरक्षित रहेगी आंखें

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नई दिल्ली : हमारा दिमाग अपनी लगभग 80 प्रतिशत जानकारी आंखों के माध्यम से प्राप्त करता है इसलिए आंखों का खास ख्याल रखना जरूरी होता है. यदि कोई नजर का चश्मा(Eye glasses) पहनता है तो इसका मतलब ये है कि उसकी आंखें पहले से ही कमजोर हैं और अगर उन पर अधिक दबाव दिया गया तो दृष्टि खराब भी हो सकती है. अगर आप भी नजर का चश्मा लगाते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप बेफिक्र हो जाएं.

कई लोग चश्मा लगाकर लेटकर बुक्स पढ़ते हैं जो कि आंखों की सेहत के लिए सही नहीं होता. एक्सपर्ट का कहना है कि बुक्स पढ़ते समय आपको अपनी पीठ के बल लेटना नहीं चाहिए और बुक्स को आंखों से कम से कम 30 सेंटीमीटर दूर रखना चाहिए. साथ ही पढ़ते समय हर 30 मिनट में लगभग 5-10 मिनट का ब्रेक लें.

धूल भरे, धब्बेदार या धुंधले लेंस से देखने में परेशानी होती है और इससे सिरदर्द भी हो सकता है. इसलिए हमेशा चश्मे के लेंस को साफ रखें. लेंस को साफ करने के लिए मुलायम कपड़े का प्रयोग करें. अगर लेंस पर अधिक धूल रहेगी तो वो आंख में भी जा सकती है.

अनकंफर्टेबल आईवियर या चश्मा पहनने से आंखों पर दवाब आता है, जिससे सिरदर्द भी हो सकता है. इसलिए हमेसा सही फिटिंग का चश्मा पहनें. कभी भी भारी, ढीला या खराब फिटिंग वाला चश्मा न पहनें. सूर्य से निकलने वाली यूवी किरणें आंखों और उसके आसपास की त्वचा के लिए हानिकारक होती हैं. यदि आप लंबा समय धूप में बिताते हैं तो हमेशा 100 प्रतिशत यूवी प्रोटेक्शन लेंस वाला चश्मा पहनें.

पॉलीकार्बोनेट लेंस टूटते नहीं है इसलिए रोजाना पहनने के लिए इससे बने लेंस काफी अच्छे माने जाते हैं. मानकर चलें अगर किसी कारण वश चश्मे का लेंस टूट जाता है और कांच के टुकड़े आंख में चले जाएं तो गंभीर चोट भी लग सकती है. इसलिए हमेशा पॉलीकार्बोनेट लेंस वाले चश्मे ही पहनें.

आंखों की देखभाल के लिए काम करते समय हमेशा एंटी-ग्लेयर चश्मे का उपयोग करना चाहिए. कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करते समय ब्लू लाइट को रोकने वाले लेंस पहनें. आंखों की चकाचौंध से बचने के लिए आपके चश्मे में एक एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग भी कराएं.

जिन लोगों को चश्मा लगा हुआ है, उन्हें साल में कम से कम एक बार किसी ऑप्टोमेट्रिस्ट से अपनी आंखों की जांच करवानी चाहिए, भले ही आपको आंखों की कोई समस्या न हो. पूरी तरह से आंखों की जांच आपको अपने आंखों के स्वास्थ की निगरानी करने और आंखों की सेहत को बनाए रखने में मदद करेगी.

कई बार आंखों में जलन या एलर्जी हो जाती है. ऐसे में कुछ लोग अपने मन से ही कोई भी ड्राप डाल लेते हैं जो खतरनाक हो सकता है. दरअसल, आंखें एक अति संवेदनशील अंग हैं और इसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. हमेशा डॉक्टर द्वारा सजेस्ट किए हुए ड्राप का ही उपयोग करें.

अपने चश्मे को कभी भी अपने दोस्तों या भाई-बहनों के साथ शेयर नहीं करना चाहिए, भले ही आप दोनों का नंबर एक ही हो. मानकर चलें कि अगर सामने वाले की आंख में इंफेक्शन है और अगर वह आपका चश्मा लगा लेता है तो वो संक्रमण आपकी आंखों तक भी पहुंच सकता है.

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