‘भारत हमारे पक्ष में, ऊर्जा पर मतभेद सुलझाए जा सकते हैं’…, रूस से जंग के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति ने दिया बयान
जिनेवा/कीव: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत को लेकर अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत “ज्यादातर हमारे पक्ष में” है और ऊर्जा से जुड़े कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं, जिन्हें बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।
जेलेंस्की ने कहा कि भारत एक वैश्विक शक्ति है और उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने यूरोपीय देशों से अपील की कि वे भारत के साथ अपने संबंध और अधिक मजबूत करें। इससे पहले भी जेलेंस्की ने चीन को लेकर कहा था कि अगर वह सच में युद्ध समाप्त करना चाहता है तो उसे रूस पर दबाव बनाना चाहिए।
हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मौजूदा हालात पर चर्चा की। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए लिखा था कि उन्होंने पीएम मोदी को वाशिंगटन में हुई बैठक के बारे में बताया, जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कई यूरोपीय नेताओं ने हिस्सा लिया।
जेलेंस्की ने लिखा, “यह एक महत्वपूर्ण चर्चा थी, जिसमें यह साझा समझ सामने आई कि कैसे वास्तविक और टिकाऊ शांति हासिल की जाए। मॉस्को ने नागरिक ठिकानों पर हमले किए हैं और हमारे कई नागरिक मारे गए हैं। मैं प्रधानमंत्री मोदी को पीड़ितों के प्रति संवेदना जताने के लिए धन्यवाद देता हूं।”

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पिछले सप्ताह कहा था कि रूस ने अब तक यूक्रेन के भीतर 3,500 से अधिक ड्रोन, 2,500 शक्तिशाली ग्लाइड बम और लगभग 200 मिसाइलें दागी हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि यूरोपीय देशों को मिलकर अपने आसमान की सुरक्षा के लिए बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली पर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “इस तरह की रक्षा प्रणाली के लिए तकनीकें उपलब्ध हैं, बस निवेश और इच्छाशक्ति की जरूरत है। हमें अपने सभी साझेदारों से ठोस फैसलों और मजबूत कार्रवाई की उम्मीद है।”
जेलेंस्की ने एक बार फिर चीन को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर चीन चाहता है कि यह युद्ध खत्म हो, तो उसे रूस पर दबाव बनाना चाहिए। यूक्रेन लंबे समय से यह मांग करता रहा है कि वैश्विक ताकतें रूस को कूटनीतिक और आर्थिक रूप से अलग-थलग करें, ताकि युद्ध पर विराम लग सके।