बीजिंग: चीन ने भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह के उस बयान को खास तवज्जो नहीं दी जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सक्रिय रूप से सैन्य सहयोग दिया और इस संघर्ष का इस्तेमाल हथियारों की जांच के लिए ‘लाइव लैब’ के रूप में किया गया। बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “मैं इस विषय की जानकारी नहीं रखती। बस इतना कहना चाहूंगी कि चीन और पाकिस्तान पड़ोसी व पारंपरिक मित्र हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा में सहयोग सामान्य है और यह किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है।”
भारत और चीन के रिश्तों में हो सुधार
माओ ने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते “सुधार और विकास के एक अहम चरण” में हैं और बीजिंग चाहता है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध लगातार मजबूत होते रहें। जब उनसे उन रिपोर्ट्स के बारे में सवाल किया गया, जिनमें दावा किया गया था कि चीन ने भारत-पाक संघर्ष के बाद राफेल लड़ाकू विमानों की क्षमताओं पर संदेह फैलाने की जिम्मेदारी अपने दूतावासों को सौंपी है, तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। माओ ने कहा, “मैं जिन बातों का आपने ज़िक्र किया, उनसे अवगत नहीं हूं।”
पाकिस्तान केवल एक ‘मुखौटा’
पिछले सप्ताह दिल्ली में आयोजित एक संगोष्ठी में जनरल सिंह ने कहा कि पाकिस्तान केवल एक ‘मुखौटा’ है, जबकि चीन अपने ‘ऑल वेदर फ्रेंड’ को हर तरह से समर्थन दे रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि तुर्किये भी इस्लामाबाद को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहा है और इस पूरे घटनाक्रम में अहम भूमिका निभा रहा है। जनरल सिंह के अनुसार, 7 से 10 मई के बीच हुए संघर्ष के दौरान भारत को कम से कम तीन शत्रु शक्तियों का सामना करना पड़ा।
दोनों देश चीन के लिए अहम पड़ोसी
उन्होंने बताया कि चीन ने भारतीय सेना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अपने सैटेलाइट्स का सहारा लिया, क्योंकि पाकिस्तान की सेना को डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) स्तर की बातचीत के दौरान इन जानकारियों की सीधी सूचना मिल रही थी। चीन और पाकिस्तान के घनिष्ठ रिश्तों पर जोर देते हुए माओ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के पड़ोसी हैं और यह स्थिति हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों देश चीन के लिए भी अहम पड़ोसी हैं।
भारत-पाक पर बारीकी से नजर
माओ ने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों और महीनों में चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच घटित घटनाओं पर बारीकी से नजर रखी है। चीन ने संवाद को बढ़ावा देते हुए क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में सक्रिय प्रयास किए हैं” उन्होंने आगे कहा, “चीन, भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी मतभेदों को सही ढंग से सुलझाने और बातचीत तथा परामर्श के जरिए स्थायी समाधान खोजने का समर्थन करता है। चीन इस प्रक्रिया में सकारात्मक और सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है।”
आतंकी ठिकानों को बनाया गया निशाना
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की थी, जिसके तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच चार दिनों तक तगड़ा संघर्ष चला, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने की आपसी सहमति के साथ समाप्त हुआ।