भारत ने पाकिस्तान के भड़काऊ बयान और सिंधु जल समझौते पर फैसले को खारिज किया

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा- किसी भी दुस्साहस का नतीजा होगा दर्दनाक, साथ ही अमेरिका के साथ मजबूत रणनीतिक साझेदारी पर जोर।

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नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के भड़काऊ बयानों और सिंधु जल समझौते पर तथाकथित मध्यस्थता न्यायालय (Court of Arbitration) के फैसले को पूरी तरह खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे बयानों से क्षेत्रीय शांति को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने साथ ही भारत-अमेरिका के बीच मजबूत रक्षा और रणनीतिक साझेदारी पर भी जोर दिया। गौरतलब है कि एक ओर पाकिस्तान लगातार उकसावे वाले बयान दे रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर भारत के सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है।

 

‘किसी भी दुस्साहस का नतीजा दर्दनाक होगा’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने पाकिस्तान के नेतृत्व द्वारा भारत के खिलाफ युद्ध भड़काने वाले बयानों को उनकी पुरानी आदत करार देते हुए कहा कि यह उनके आंतरिक नाकामियों को छुपाने की एक कोशिश है। उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी दी, “हम पाकिस्तान को सलाह देते हैं कि वह अपनी बयानबाजी में संयम बरते। किसी भी तरह के दुस्साहस का नतीजा दर्दनाक होगा।”

 

सिंधु जल समझौते पर भारत का कड़ा रुख

सिंधु जल समझौते पर भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए तथाकथित मध्यस्थता न्यायालय के फैसले को पूरी तरह खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत ने इस कोर्ट की वैधता, अधिकारिता या सक्षमता को कभी स्वीकार नहीं किया और इसके फैसले का कोई कानूनी आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारत के जल उपयोग के अधिकारों पर किसी भी प्रकार से प्रभाव नहीं डालता। जयसवाल ने यह भी याद दिलाया कि 27 जून 2025 को भारत सरकार ने एक संप्रभु निर्णय के तहत इस संधि को निलंबित कर दिया था, जो पाकिस्तान प्रायोजित सीमा-पार आतंकवाद, विशेषकर पहलगाम हमले के जवाब में लिया गया था।

 

भारत-अमेरिका के गहरे रणनीतिक रिश्तों को मिली नई मजबूती

विदेश मंत्रालय ने भारत और अमेरिका के बीच गहरे रणनीतिक संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत जन-जन के रिश्तों पर आधारित है। प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बताया कि यह संबंध कई बदलावों और चुनौतियों से गुजरा है, लेकिन भारत का फोकस आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित इस साझेदारी को और आगे बढ़ाने पर है।

 

अलास्का में भारत-अमेरिका का संयुक्त सैन्याभ्यास होने जा रहा है

भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को मजबूत करने के तहत इस महीने कई महत्वपूर्ण पहलें की जा रही हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बताया कि अगस्त के मध्य में अमेरिका की एक डिफेंस पॉलिसी टीम भारत का दौरा करेगी। इसके साथ ही 21वां संयुक्त सैन्याभ्यास इस महीने अलास्का में आयोजित होगा। महीने के अंत में दोनों देश 2+2 इंटरसेशनल मीटिंग भी करेंगे। जयसवाल ने कहा कि रक्षा सहयोग हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक अहम स्तंभ है, जो सभी क्षेत्रों में लगातार मजबूत हो रहा है।

 

PM मोदी की UNGA यात्रा पर निर्णय अभी लंबित

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) यात्रा पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि भारत BRICS समूह का सक्रिय सदस्य है और साझा हितों के मुद्दों पर अन्य सदस्य देशों के साथ लगातार संपर्क में है। वैकल्पिक मुद्रा और डी-डॉलराइजेशन पर भारत का रुख बताते हुए प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि यह भारत के वित्तीय एजेंडे का हिस्सा नहीं है। भारत-चीन सीमा व्यापार को लेकर उन्होंने जानकारी दी कि भारत, चीन के साथ मिलकर उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे, हिमाचल प्रदेश के शिपकी ला दर्रे और सिक्किम के नाथु ला दर्रे के माध्यम से व्यापार फिर से शुरू करने पर बातचीत कर रहा है।

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