नई दिल्ली : भारत में महंगाई पर आम लोगों को बड़ी राहत मिली है. अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर सिर्फ 0.25% रह गई है, जो पिछले 10 वर्षों में सबसे निचला स्तर है. सितंबर में यह दर 0.54% थी. लगातार चार महीने से महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4% के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है. यह लगातार सातवां महीना है जब इन्फ्लेशन केंद्रीय बैंक की 6% की ऊपरी सीमा से भी कम रही है.
महंगाई घटने की सबसे बड़ी वजह खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार कमी है. खासतौर पर सब्ज़ियों के दाम में पिछले छह महीनों से लगातार दो अंकों की गिरावट देखी जा रही है. चूंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी करीब आधी है, इसलिए खाने-पीने की चीजों के सस्ते होने से कुल महंगाई पर बड़ा असर पड़ा है.

विशेषज्ञों का मानना है कि GST दरों में की गई कटौती ने भी इस गिरावट में योगदान दिया है. सितंबर के आखिर में कई जरूरी वस्तुओं पर टैक्स दरें घटाई गई थीं, जिसका असर अब महंगाई के आंकड़ों में साफ नजर आ रहा है.
दिलचस्प बात यह है कि महंगाई घटने के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज बनी हुई है. अप्रैल-जून तिमाही में भारत की GDP करीब 8% की दर से बढ़ी है. यानी उत्पादन और खर्च में तेजी के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है. यही वजह है कि अब उम्मीद की जा रही है कि RBI आने वाले महीने में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, ताकि विकास को और बढ़ावा मिले.