योगी सरकार में निवेश क्रांति, 16 हजार से अधिक परियोजनाएं धरातल पर, पांचवीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी

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लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निवेश और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। सरकार की स्पष्ट नीतियों, पारदर्शिता, समयबद्ध क्रियान्वयन और निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण ने प्रदेश को एक नए औद्योगिक युग में पहुंचा दिया है। सीएम योगी के अब तक के शासनकाल में प्रदेश में 16 हजार से अधिक निवेश परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं, जिनमें से 8 हजार से अधिक में वाणिज्यिक संचालन शुरू हो चुका है, जबकि 8 हजार से अधिक परियोजनाएं क्रियान्वयनाधीन हैं। उत्तर प्रदेश सरकार अब पांचवीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी कर रही है, जिसके माध्यम से एक और बड़ा निवेश धरातल पर उतरने जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने अब तक दो ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया है। पहला समिट 2018 में, जिसमें 4.28 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले थे। वहीं, दूसरा समिट 2023 में, जिसमें रिकॉर्ड 33.50 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए ही सरकार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित कर रही है। सीएम योगी के नेतृत्व में अब तक चार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी संपन्न हो चुकी हैं, जिनके माध्यम से धरातल पर उतरे निवेश ने प्रदेश को एक नई पहचान दिलाई है। क्षेत्रवार परियोजनाओं का विश्लेषण करें तो निवेश परियोजनाओं में सबसे बड़ा हिस्सा विनिर्माण क्षेत्र (62.25 प्रतिशत) का है। सेवा क्षेत्र में 28.09 प्रतिशत परियोजनाएं हैं, जबकि शेष निवेश अवस्थापना और अन्य क्षेत्रों में हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने निवेश के क्षेत्र में एक मजबूत, पारदर्शी और विश्वसनीय मॉडल प्रस्तुत किया है। प्रदेश सरकार द्वारा सिंगल विंडो क्लीयरेंस, औद्योगिक भूमि की आसान उपलब्धता, बेहतर कानून-व्यवस्था, उत्कृष्ट कनेक्टिविटी और प्रशिक्षित मानव संसाधन जैसे कारकों के चलते उत्तर प्रदेश आज देश-विदेश के निवेशकों का विश्वसनीय निवेश गंतव्य बन चुका है। इसी क्रम में आगामी पांचवीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीसीबी-5), जो नवंबर 2025 में प्रस्तावित है, निवेश को जमीन पर उतारने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनने जा रही है।

सरकार का लक्ष्य इस आयोजन के माध्यम से प्रारंभिक चरण में 5 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का है, जिसके आयोजन की तिथि तक 10 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। यह आयोजन न सिर्फ उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा में एक मजबूत औद्योगिक और आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करेगा, बल्कि रोजगार के लाखों नए अवसर, स्थानीय स्तर पर उद्यमों का विकास और समग्र सामाजिक-आर्थिक प्रगति को भी गति देगा।

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