ईरान पर इजरायल-अमेरिका का संयुक्त हमला “गेम-चेंजर”, ट्रंप से मिलने के बाद नेतन्याहू ने कहा-‘पहले शक्ति, फिर शांति’ हमारा लक्ष्य
वाशिंगटन डीसीः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मंगलवार को ह्वाइट हाउस में मुलाकात के बाद बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ईरान पर इजरायल और अमेरिका का संयुक्त हमला पूरे क्षेत्र के लिए “गेम-चेंजर” साबित होगा। उन्होंने कहा कि ‘पहले शक्ति, फिर शांति’ हमारा लक्ष्य है और यही हमारी रणनीति है। नेतन्याहू ने यह बयान कैपिटल हिल में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन से मुलाकात के दौरान दिया। यह बैठक उस दिन हुई जब नेतन्याहू ने एक दिन पहले ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में अहम बातचीत की थी।
पहले से ज्यादा मजबूत और गहरे हुए इजरायल-अमेरिका के रिश्ते
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, “वॉशिंगटन और येरुशलम के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत और घनिष्ठ हैं।” नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय आया है जब गाज़ा युद्ध, ईरान की बढ़ती गतिविधियों और क्षेत्रीय तनावों को लेकर अमेरिका और इज़रायल की रणनीतिक साझेदारी एक अहम मोड़ पर है। इज़रायली प्रधानमंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ अल्पकालिक युद्ध में अमेरिका से मिले “मजबूत समर्थन” ने “हमारे क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन ला दिया है” और यह मध्य पूर्व में शांति की दिशा में अग्रसर कर सकता है।
अमेरिका-इजरायल के बीच का समन्वय अभूतपूर्व
वॉशिंगटन में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर माइक जॉनसन (रिपब्लिकन-लुइसियाना) से निजी बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नेतन्याहू ने कहा, “हमारे दोनों देशों एक अमेरिकी राष्ट्रपति और एक इज़रायली प्रधानमंत्री के बीच जो समन्वय हुआ है, वह अभूतपूर्व है। यह इज़रायल, अमेरिका के साथ हमारे पूरे क्षेत्र और समस्त विश्व के लिए बहुत आशाजनक है।” नेतन्याहू ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर इज़रायल के साथ मिलकर हमला करने का निर्णय “गेम-चेंजर” साबित हुआ है।
ट्रंप और मेरा विश्वास शक्ति से शांति में
नेतन्याहू ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप और मैं ‘शक्ति के माध्यम से शांति’ के सिद्धांत में विश्वास करते हैं। पहले शक्ति आती है, फिर शांति। इज़रायल को नष्ट करने और दुनिया की शांति को खतरे में डालने वालों के खिलाफ ट्रंप का हमारे साथ मिलकर निर्णायक कार्रवाई करना, पूरे मध्य पूर्व में एक असाधारण बदलाव लेकर आया है।” उन्होंने स्पीकर माइक जॉनसन के साथ बैठक के बाद इसी भावना को दोहराते हुए एक बयान जारी किया। कहा, “अमेरिका और इज़रायल की संयुक्त मजबूती ने 12 दिन चले युद्ध में क्षेत्र के सबसे बड़े शांति विरोधी दुश्मन को करारा झटका दिया है। ईरानी शासन आज दशकों में सबसे कमजोर स्थिति में है।” उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह मध्य पूर्व में शांति के एक नए युग की शुरुआत है।”
“अमेरिका और इज़रायल साथ खड़े होते हैं तो असाधारण परिणाम आते हैं”
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, “हमने और पूरी दुनिया ने भी सीखा है कि जब इज़रायल और अमेरिका एक साथ खड़े होते हैं, तो असाधारण परिणाम सामने आते हैं। “इज़रायल के 77 वर्षों के इतिहास में अमेरिका और इज़रायल के बीच ऐसा समन्वय, सहयोग और विश्वास पहले कभी नहीं देखा गया। इसका श्रेय मैं राष्ट्रपति ट्रंप को देता हूं, जिन्होंने यह असाधारण उपलब्धि संभव बनाई।”
गाजा पर भी दिया बड़ा बयान
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने यह भी बताया कि गाज़ा में चल रहे युद्ध को समाप्त करने और बचे हुए बंधकों को रिहा कराने के प्रयास जारी हैं। मंगलवार को राष्ट्रपति ट्रंप की कैबिनेट बैठक में उनके मध्य पूर्व विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ ने आशा जताई कि इस सप्ताह के अंत तक इज़रायल और हमास के बीच युद्धविराम पर समझौता हो सकता है। नेतन्याहू की यह यात्रा ऐसे समय हुई है जब क्विनिपियाक यूनिवर्सिटी के एक हालिया सर्वे में इज़रायल के लिए अमेरिकी जनसमर्थन 2017 के बाद सबसे निचले स्तर पर दर्ज किया गया। सर्वे के अनुसार, केवल 5% अमेरिकियों ने कहा कि अमेरिका को इज़राइल का और अधिक समर्थन करना चाहिए, जबकि 42% ने कहा कि अमेरिका इज़राइल का बहुत अधिक समर्थन कर रहा है, और 45% ने मौजूदा समर्थन को पर्याप्त माना। उन्होंने कहा, “एक बार जब लोग तथ्यों से रूबरू होते हैं, तो जीत हमारी ही होती है।,”