इजरायल ने सीरिया पर कर दिया सबसे बड़ा हमला, राष्ट्रपति भवन के करीब भीषण बमबारी

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नई दिल्ली: गाजा और ईरान के बाद इजरायल ने अब सीरिया पर घातक हमला कर दिया है। बुधवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर भीषण हवाई हमले किए, जिसमें रक्षा मंत्रालय का एक हिस्सा नष्ट हो गया। इजरायल ने सीरिया के राष्ट्रपति भवन के पास भी बमबारी की है। इन हमलों के बाद इजरायल ने साफ शब्दों में कहा है कि दक्षिणी सीरिया में ड्रूज समुदाय पर हुए हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा। आपको बता दें कि इसे सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शराआ की नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी इजरायली कार्रवाई मानी जा रही है। हाल के महीनों में यहां की सरकार ने अमेरिका और इजरायल से संबंध सुधारने की कोशिश भी की थी।

इजरायल ने आरोप लगाया कि सीरिया की सरकार दक्षिणी क्षेत्रों में ड्रूज अल्पसंख्यक की रक्षा करने में असफल रही है और इसके बजाय सरकारी बल ही हमलों में शामिल हैं। इजरायल के चीफ ऑफ स्टाफ एयाल जामिर ने कहा, “हम दक्षिणी सीरिया को आतंक का गढ़ नहीं बनने देंगे।” इजरायली सेना ने दमिश्क में सैन्य मुख्यालय का प्रवेश द्वार और राष्ट्रपति भवन के निकट एक सैन्य ठिकाना निशाना बनाने की पुष्टि की है। एक सीरियाई सूत्र के हवाले से कहा गया है कि इन हमलों में सीरिया की सुरक्षा बलों के पांच सदस्य मारे गए।

इस हमले पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि वाशिंगटन ने सभी पक्षों से संपर्क किया है और संघर्ष आज रात खत्म हो जाएगा। वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) गुरुवार को सीरिया संकट पर आपात बैठक करेगी। इजरायल के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत डैनी डैनन ने कहा, “सीरियाई जमीन पर निर्दोष नागरिकों के खिलाफ किए गए बर्बर अपराधों की निंदा की जानी चाहिए।”

आपको बता दें कि हाल के दिनों में दक्षिणी सीरिया के स्वैदा शहर में भीषण झड़पें हुईं, जिसमें ड्रूज लड़ाके, सरकारी सुरक्षाबल और बेडौइन जनजातियों के लोग आमने-सामने आ गए। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि वे अपने घरों में बंद हैं, गोलियों और धमाकों की आवाजें लगातार सुनाई दे रही हैं। एक निवासी ने कहा, “हम बच्चों को चुप रखने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कोई हमें सुन न सके।” सीरियाई नेटवर्क फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, इस सप्ताह की हिंसा में अब तक 169 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि सुरक्षा सूत्रों का आंकड़ा 300 तक पहुंच गया है।

इजरायल में ड्रूज समुदाय के लोगों ने अपने सीरियाई भाइयों की मदद के लिए बुधवार को सीमा की बाड़ तोड़कर सीरिया में प्रवेश किया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि सेना ड्रूज नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने का प्रयास कर रही है, साथ ही उन्होंने इजरायली ड्रूजों से सीमा पार न करने की अपील की है।

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