इसरो का बड़ा ऐलान: GSLV-F16 ने NISAR को स्थापित किया, जल्द लॉन्च होगा अमेरिकी संचार उपग्रह

30 जुलाई को GSLV-F16 ने NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार को सफलतापूर्वक कक्षा में पहुँचाया, अब अगले 2-3 महीनों में 6500 किलो का अमेरिकी संचार उपग्रह होगा प्रक्षेपित।

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नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चीफ वी. नारायणन ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि गगनयान मिशन का टेस्ट लॉन्च इस साल दिसंबर में किया जाएगा। इसरो प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गगनयान भारत की अंतरिक्ष तकनीक को नई ऊँचाई पर ले जाएगा। इस मौके पर हाल ही में अंतरिक्ष यात्रा से लौटे शुभांशु शुक्ला और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। गगनयान मिशन को लेकर देशभर में उत्साह है और यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में एक अहम मील का पत्थर साबित होगा।

इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि पिछले दस वर्षों में अंतरिक्ष अनुसंधान में हुई प्रगति अभूतपूर्व और बेहद तीव्र रही है। उन्होंने बताया कि 2015 से 2025 के बीच जितने मिशन पूरे किए गए, उनकी संख्या 2005 से 2015 तक पूरे किए गए मिशनों की तुलना में लगभग दोगुनी है। केवल पिछले छह महीनों में ही इसरो ने तीन अहम मिशन पूरे किए हैं। उन्होंने एक्सिओम-4 मिशन को एक प्रतिष्ठित उपलब्धि बताया और कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर ले जाए गए और सुरक्षित वापसी करने वाले पहले भारतीय शुभांशु शुक्ला हैं, जो भारत के लिए गौरव की बात है।

इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने जानकारी दी कि 30 जुलाई को GSLV-F16 रॉकेट ने सबसे प्रतिष्ठित NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) को सटीक रूप से कक्षा में स्थापित किया। उन्होंने आगे कहा कि अगले 2 से 3 महीनों में भारत, अमेरिका का 6500 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह भी प्रक्षेपित करेगा, जिसे इसरो के स्वदेशी प्रक्षेपण वाहन के जरिए लॉन्च किया जाएगा। यह उपलब्धि न केवल भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को नई दिशा देगी बल्कि भारत की लॉन्चिंग क्षमता को भी वैश्विक स्तर पर और मज़बूत बनाएगी।

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