नई दिल्ली। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने रविवार (7 फरवरी) को ऐसे संकेत दिए हैं कि वे जल्द ही पद से इस्तीफा देने वाले हैं। उनका ये फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि उनकी पार्टी के अंदर से ही लगातार आलोचनाएं बढ़ रही हैं। साथ ही जुलाई के संसदीय चुनाव में उनको भारी हार का भी सामना करना पड़ा था। इसके बाद ही उन्होंने ये फैसला लिया है। जापान के टीवी रिपोर्टर्स के मुताबिक, पार्टी के नेताओं ने उनसे राजनीतिक जिम्मेदारी लेने की बात कही है।
जापान के पीएम की कब संभाली थी कमान?
शिगेरू इशिबा ने अक्टूबर 2024 में पीएम पद की कमान संभाली थी। बीते एक महीने से पार्टी के दक्षिणपंथी विरोधियों के चलते उन्होंने इस्तीफा देने की बात कही है। लेकिन वे लगातार इस मांग का विरोध कर रहे थे। इशिबा ने ये फैसला ऐसे समय लिया है जब उनकी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ये तय करने वाली थी कि पार्टी के अंदर नेतृत्व चुनाव कराया जाना चाहिए या नहीं करवाना चाहिए।
क्या है इस्तीफे की खास वजह?

इस्तीफे की खास वजह के बारे में जानें तो, इशिबा ने अक्टूबर में ही पीएम पद को संभाला था लेकिन जुलाई के संसदीय चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ा था। 248 सीटों वाले उच्च सदन में बहुमत ना मिलने पर सरकार की स्थिरता पर कई सवाल खड़े हुए हैं। इसके बाद ही इशिबा अपनी पार्टी के अंदर ही सभी उनका विरोध करने लगे। दक्षिणपंथी धड़ा लगातार पीएम से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इतने समय तक इशिबा दबाव बर्दाश्त कर रहे थे लेकिन अब उन्होंने पद से इस्तीफा लेने का फैसला कर लिया है।
इस्तीफे की घोषणा से राजनीति में मची हलचल
इस्तीफे की घोषणा के बाद जापान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में अब नए प्रधानमंत्री की तलाश शुरू हो चुकी है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अगला नेता कौन होगा, लेकिन उत्तराधिकार को लेकर रस्साकशी शुरू हो गई है। अगर पार्टी सही नेतृत्व नहीं ढूंढ पाती, तो जल्दी ही आम चुनाव की नौबत आ सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि इशिबा का इस्तीफा एक युग के अंत जैसा है, क्योंकि वह एक मजबूत और अनुभवी नेता माने जाते थे। हालांकि उनकी सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर सकी, खासकर आर्थिक मोर्चे पर।