मेरठः उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को दावा किया कि वर्ष 2047 तक कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का भारतीय राजनीति से पूरी तरह सफाया हो जाएगा। मौर्य ने मेरठ में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत पौधरोपण करने के बाद अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए मौर्य ने कहा कि सपा का इतिहास भगवान राम के भक्तों पर गोली चलाने और कांवड़ियों पर बल प्रयोग करने से जुड़ा है। इसके विपरीत वर्तमान भाजपा नीत सरकार उन पर पुष्प वर्षा कर रही है। यही अंतर सपा के राजनीतिक भविष्य को आकार देगा।
भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करेगी
यूपी के डिप्टी सीएम मौर्य ने दावा किया कि भाजपा 2027 के विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी, जबकि जनता ने भी मन बना लिया है कि 2047 तक सपा जैसी पार्टियों का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। धर्मांतरण पर टिप्पणी करते हुए मौर्य ने कहा कि सरकार धर्म के नाम पर लोगों को ‘धोखा’ देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई दूसरों को धोखा देने के लिए अपनी पहचान छिपाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जयंत चौधरी की केशव मौर्य ने की तारीफ
केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेता जयंत चौधरी के हालिया बयान पर मौर्य ने कहा कि चौधरी ने सही बात कही है। चौधरी ने कांवड़ मार्ग पर आम लोगों द्वारा भोजनालयों व दुकानों पर की जा रही पहचान की जांच को ‘सतर्कता’ बताया था। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भ्रामक ‘नेमप्लेट’ का इस्तेमाल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए और अगर लोग ऐसे मामले देखते हैं तो पुलिस को सूचित करें। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मौर्य ने एक पौधा लगाया और कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक 210 करोड़ से ज़्यादा पेड़ लगाए जा चुके हैं।
2025 में 37 करोड़ पौधे लगाना लक्ष्यः केशव
केशव मौर्य ने एक पेड़ मां के नाम अभियान को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि 2025 के वृक्षारोपण महाअभियान का लक्ष्य इस वर्ष 37 करोड़ पौधे लगाना है। उन्होंने लोगों से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में भाग लेने का आग्रह किया। मौर्य ने कहा कि पेड़ों के बिना न पर्यावरण रह सकता है, न जल। हम पेड़ लगाने और उनकी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।