प्रोविडेंस: अपनी दयालुता और मानवीय फैसलों के लिए दुनिया भर में “सबसे अच्छे जज” के रूप में मशहूर हुए फ्रैंक कैप्रियो का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे लंबे समय से अग्नाशय के कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से दुनिया भर में उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है। कैप्रियो को उनके रियलिटी शो “कैच इन प्रोविडेंस” से वैश्विक ख्याति मिली, जिसमें ट्रैफिक और छोटे-मोटे मामलों पर उनके अनोखे और करुणामय सुनवाई के तरीके को दिखाया जाता था।
पिछले सप्ताह ही जज कैप्रियो ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट कर अपने स्वास्थ्य की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि उन्हें “एक झटका लगा है” और वे दोबारा अस्पताल में भर्ती हुए हैं। उन्होंने अपने प्रशंसकों से भावुक अपील करते हुए कहा था, “मुझे अपनी प्रार्थनाओं में याद रखें।”
फ्रैंक कैप्रियो का जन्म 1936 में प्रोविडेंस, रोड आइलैंड के एक इटैलियन-अमेरिकन परिवार में हुआ था। एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले कैप्रियो ने अपनी मेहनत और लगन से कानून की दुनिया में एक बड़ा मुकाम हासिल किया। उन्होंने 1985 से लेकर 2023 में अपनी सेवानिवृत्ति तक, लगभग 40 वर्षों तक प्रोविडेंस नगर न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
अदालत में उनका सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार, लोगों के व्यक्तिगत संघर्षों को ध्यान से सुनना और मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए छोटे-मोटे अपराधों के लिए जुर्माना माफ कर देना, उनकी पहचान बन गया। इसी गर्मजोशी और विनम्रता ने उन्हें ‘अमेरिका के सबसे अच्छे जज’ की उपाधि दिलाई।

हालांकि वे लंबे समय से न्यायाधीश थे, लेकिन उन्हें असली लोकप्रियता उनके टीवी शो “कॉट इन प्रोविडेंस” (2018-2020) से मिली। इस शो के क्लिप्स टिकटॉक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए, जिन्हें एक अरब से भी ज्यादा बार देखा गया। शो में वे अक्सर बच्चों को बेंच पर बुलाकर उनके माता-पिता के मामलों में उनकी राय लेते थे, जो दर्शकों को खूब पसंद आता था।
जज कैप्रियो के कई फैसले आज भी लोगों के जेहन में ताज़ा हैं। उनका एक वीडियो सबसे ज्यादा वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने एक बुजुर्ग व्यक्ति का ओवरस्पीडिंग का चालान सिर्फ इसलिए माफ कर दिया था क्योंकि यह उस व्यक्ति की पहली गलती थी। एक अन्य मामले में, उन्होंने एक ऐसी महिला का 400 डॉलर का जुर्माना रद्द कर दिया था, जिसके बेटे की हाल ही में हत्या हुई थी। ये फैसले उनके मानवीय दृष्टिकोण का प्रतीक बन गए।
कैप्रियो का मानना था कि न्याय बिना किसी दमन के भी किया जा सकता है और सरकारी संस्थाएं दया, निष्पक्षता और करुणा के साथ बेहतर काम कर सकती हैं। उनके निधन से न्याय और मानवता के एक सुनहरे अध्याय का अंत हो गया है।