इस साल चैत्र अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। मार्च माह में दो ग्रहण लग रहे हैं। मार्च में जहां 14 तारीख को चंद्र ग्रहण तो वही 29 मार्च को सूर्य ग्रहण लगेगा। इस ग्रहण के कारण पितरों के तर्पण और सूतक काल आदि के बारे में लोगों में कंफ्यूजन होगा। चैत्र अमावस्या पर इस बार शनिवार है, इसलिए इसे शनि अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन पितरों के तर्पण आदि किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से पितर प्रसन्न हो जाते हैं। इस बार ग्रहण के कारण सूतक काल के बारे में अच्छे से जानना चाहिए।
दरअसल सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इस ग्रहण का कोई असर भारत में नहीं होगा। इस ग्रहण के कारण पितरों का तर्पण भी अपने समय पर किया जा सकेगा। इस दौरान दान, तर्पण और पूजा के लिए कोई मनाही नहीं होगी। प्राप्त समाचारों के अनुसार भारत से बाहर 814 मिलियन लोग इस आंशिक सूर्य ग्रहण को देख सकेंगे। सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:20 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6.16 मिनट पर समाप्त होगा।

29 मार्च, 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के उत्तर-पूर्वी भाग, यूरोप और उत्तरी रूस से दिखायी देगा। कनाडा, पुर्तगाल, स्पेन, आयरलैण्ड, फ्रान्स, यूनाइटेड किंगडम, डेनमार्क, जर्मनी, नॉर्वे, फिनलैण्ड और रूस से दिखायी देगा। अगले दिन चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे हैं, उसमें भी ग्रहण का कोई असर नहीं होगा।