जम्मू कश्मीर : जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा मार्ग पर कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाए सामने आई हैं. बालटाल मार्ग पर भूस्खलन से 10 तीर्थयात्री घायल हो गए. कई तीर्थयात्री फ्लैश फ्लड की चपेट में आ गए. इसके कारण आज यानी गुरुवार को अमरनाथ यात्रा स्थगित रहेगी. यात्रा आज जम्मू बेस कैंप से आगे नहीं बढ़ेगी. दरअसल, जम्मू कश्मीर के कई जिलों में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है.
बालटाल और पहलगाम मार्ग पर लगातार बारिश जारी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बालटाल मार्ग पर रेलपथरी के करीब जैड मोड़ पर अचानक से बारिश का पानी पहाड़ से यात्रा मार्ग पर तेजी से आने से लैंडस्लाइड की घटना घटी.
एक की मौत, 10 तीर्थयात्री घायल
इस घटना में करीब दस यात्रियों के घायल होने की जानकारी प्राप्त हुई है. सूत्रों ने बताया कि इस लैंडस्लाइड की घटना के बीच राजस्थान की एक महिला को बेहोशी की हालत में मेडिकल सेंटर पहुंचाया गया, जिसकी शिनाख्त 55 साल की सोना बाई के तौर पर हुई है. मेडिकल सेंटर पर वह मृत पाई गईं. वहीं, दस अन्य घायलों को तुरंत नजदीक की चिकित्सा सुविधा में इलाज के लिए पहुंचाया गया और किसी को भी इन में गंभीर चोट नहीं हैं. हालांकि, इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

उधमपुर में धार रोड पर लैंडस्लाइड
उधमपुर जिले में धार रोड पर भूस्खलन के कारण कई सड़क बंद हो गई हैं. नेशनल हाईवे का धार रोड करीब एक घंटे तक बंद रहा. इसका असर अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ा है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. पिछले साल भी खराब मौसम ने अमरनाथ यात्रा को प्रभावित किया था. 2023 में भी यही स्थिति रही थी. बारिश और भूस्खलन के कारण यात्रा को कई बार स्थगित करना पड़ा था.
क्षेत्र में भारी बारिश का अलर्ट
अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. अब तक करीब ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं. अमरनाथ यात्रा मार्ग को 1 जुलाई से 10 अगस्त तक ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित किया गया है, जिसमें ड्रोन, यूएवी और गुब्बारों पर प्रतिबंध है. मौसम विभाग ने क्षेत्र में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया है. यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
बालटाल मार्ग छोटा पर चुनौतीपूर्ण
दरअसल, अमरनाथ यात्रा दो मुख्य मार्गों से होती है. पहला पहलगाम मार्ग जो 48 किलोमीटर की होती है और दूसरा बालटाल मार्ग जो 14 किलोमीटर की होती है. पहलगाम मार्ग लंबा है लेकिन यह उतना कठिन नहीं है, जबकि बालटाल मार्ग छोटा पर यह काफी चुनौतीपूर्ण है. इस मार्ग पर श्रद्धालुओं को ऊनी कपड़े, रेनकोट और आवश्यक सामान साथ रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि मौसम का कोई ठिकाना नहीं रहता है. इस मार्ग पर कभी बारिश तो कभी लैंडस्लाइड आम बात है.