अंडमान सागर में प्राकृतिक गैस की बड़ी खोज, भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मिलेगा बढ़ावा

श्री विजयपुरम 2 कुएं से 87% मीथेन वाली प्राकृतिक गैस मिली, कमर्शियल उत्पादन की योजना तैयार

0 130

भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज हुई है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी कि अंडमान सागर में श्री विजयपुरम 2 कुएं में प्राकृतिक गैस का पता चला है। यह कुआं अंडमान द्वीपसमूह के पूर्वी तट से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह खोज देश की ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित होगी।

श्री विजयपुरम 2 कुएं की जलगहराई 295 मीटर है, यानी यह समुद्र की सतह से 295 मीटर गहरे पानी में स्थित है। कुएं की कुल लक्षित गहराई 2,650 मीटर रखी गई थी। इसका मतलब है कि कुएं को पानी की सतह से लेकर समुद्र के नीचे जमीन में कुल 2,650 मीटर तक खोदा गया है। इसमें 295 मीटर पानी की गहराई और उसके नीचे जमीन में लगभग 2,355 मीटर की गहराई शामिल है।

शुरुआती उत्पादन परीक्षण (Initial Production Testing) में यह पता चला कि 2,212 से 2,250 मीटर की गहराई में प्राकृतिक गैस मौजूद है। परीक्षण के दौरान समय-समय पर गैस का फ्लेयरींग (Intermittent Flaring) भी देखा गया, जो संभावित उत्पादन क्षमता का संकेत देता है।

अंडमान सागर से प्राप्त गैस के नमूनों को जहाज के माध्यम से काकिनाडा लाया गया, जहां उनका परीक्षण किया गया। जांच में पाया गया कि इस गैस में 87% मीथेन मौजूद है। मीथेन उच्च ऊर्जा क्षमता वाला घटक है और इसे वाणिज्यिक उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, अब कुएं से कमर्शियल प्रोडक्शन की योजना तैयार की जाएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस खोज का महत्व केवल घरेलू ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं है। यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्वदेशी ऊर्जा स्रोतों के विकास के लिहाज से भी अहम है। इससे देश अपनी ऊर्जा जरूरतों को स्थानीय स्रोतों से पूरा कर सकेगा और आयातित ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी। साथ ही, अंडमान-निकोबार क्षेत्र में ऊर्जा निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे।

 

ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक उपलब्धि

श्री विजयपुरम 2 कुएं में प्राकृतिक गैस की खोज से भारत के ऊर्जा क्षेत्र को रणनीतिक लाभ मिलेगा। मीथेन की उच्च प्रतिशतता इस परियोजना को वाणिज्यिक रूप से अधिक आकर्षक बनाती है। इसके साथ ही भविष्य में LNG (द्रवीकृत प्राकृतिक गैस) निर्यात के रास्ते भी खुल सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज भारत को आत्मनिर्भर ऊर्जा स्रोतों की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम आगे ले जाएगी। घरेलू उत्पादन बढ़ने से न केवल ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि क्षेत्रीय ऊर्जा बाजार में भारत की स्थिति भी मजबूत होगी। इसके अलावा, यह परियोजना देश में नई नौकरियों और निवेश के अवसर पैदा करने में भी मदद करेगी।

कुल मिलाकर, श्री विजयपुरम 2 कुएं में प्राकृतिक गैस की खोज न केवल तकनीकी और वाणिज्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की ऊर्जा रणनीति में एक नया अध्याय जोड़ती है। यह उपलब्धि भारत के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करने और स्वदेशी संसाधनों के अधिकतम उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

 

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.