यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बड़ी राहत, मौत की सजा पूरी तरह रद्द

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नई दिल्ली: यमन में एक हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को आखिरकार राहत की खबर मिल गई है। भारत के ग्रैंड मुफ्ती कांतापुरम ए.पी. अबूबक्कर मुसलियार के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यमन की राजधानी सना में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि निमिषा प्रिया की मौत की सजा, जिसे पहले अस्थायी रूप से स्थगित किया गया था, अब पूरी तरह से रद्द कर दी गई है।

यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों, भारतीय समुदाय और धार्मिक प्रतिनिधियों के लगातार प्रयासों का परिणाम माना जा रहा है। ग्रैंड मुफ्ती का कार्यालय लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए था और यमन में विभिन्न स्तरों पर हस्तक्षेप करता रहा है।

कौन हैं निमिषा प्रिया?
निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली एक नर्स हैं। उन्हें यमन में एक स्थानीय नागरिक की हत्या के आरोप में मार्च 2018 में दोषी ठहराया गया था। साल 2020 में यमन की अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। उन्हें फांसी दी जानी थी, जिसे कुछ समय पहले अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था।

मानवता और कूटनीति की जीत
भारत सरकार और विभिन्न सामाजिक-धार्मिक संगठनों ने इस मामले में कई स्तरों पर पहल की। खासकर भारत के मुस्लिम धर्मगुरु ग्रैंड मुफ्ती कांतापुरम अबूबक्कर मुसलियार की भूमिका को निर्णायक माना जा रहा है। उनके कार्यालय की ओर से बताया गया कि सना में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यमनी अधिकारियों ने मौत की सजा को पूरी तरह से रद्द करने का निर्णय लिया। यह कदम न केवल भारत-यमन द्विपक्षीय संबंधों के लिए सकारात्मक संकेत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी इंसानियत और न्याय की आवाज सुनी जाती है।

अब आगे क्या होगा?
हालांकि मौत की सजा को रद्द किया गया है, लेकिन निमिषा प्रिया की रिहाई और स्वदेश वापसी की प्रक्रिया पर अभी स्पष्टता नहीं है। भारतीय अधिकारियों और कानूनी प्रतिनिधियों को अब आगे की प्रक्रिया को लेकर सावधानीपूर्वक कदम उठाने होंगे।

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