जयपुर के SMS हॉस्पिटल में देर रात आग : ट्रॉमा सेंटर के ICU में 8 मरीजों की मौत, 16 को बचाया भी, शॉर्ट सर्किट की आशंका
जयपुर | राजधानी जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल में रविवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो ICU में लगी आग में 8 मरीजों की मौत हो गई, जिनमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं। हादसे के बाद अस्पताल में अफरातफरी मच गई, कई मरीजों को तुरंत अन्य वार्डों में शिफ्ट किया गया। रविवार की रात 11 बजकर 20 मिनट पर ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो ICU वार्ड से अचानक धुआं उठने लगा। यह आग स्टोर रूम में लगी, जहां पेपर फाइलें, मेडिकल उपकरण और ब्लड सैंपल ट्यूब रखे हुए थे। कुछ ही पलों में आग ने ICU क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, आग लगने की प्राथमिक वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। हालांकि, फिलहाल विद्युत विभाग और फायर सेफ्टी टीम जांच में जुटी है।
ICU में थे 24 मरीज, बचाए गए 16 : हादसे के समय न्यूरो ICU में 11 और उसके बगल वाले ICU में 13 मरीज भर्ती थे। जब आग फैली तो नर्सिंग स्टाफ और ड्यूटी डॉक्टरों ने तुरंत अलार्म बजाया और फायर अलर्ट सिस्टम सक्रिय किया। दमकल विभाग की टीम 10 मिनट के भीतर मौके पर पहुंची और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर ने बताया कि, “ज्यादातर मरीजों की मौत धुएं से दम घुटने के कारण हुई है। कुछ मरीज झुलस गए थे, जिन्हें तुरंत शिफ्ट किया गया।” मरने वालों की पहचान : अस्पताल प्रशासन ने अब तक जिन आठ मृतकों की पुष्टि की है, उनमें तीन महिलाएं हैं। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। फिलहाल मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। परिजनों को सूचना दे दी गई है। हादसे के बाद मचा हड़कंप : आग लगने की खबर मिलते ही अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई। सैकड़ों की संख्या में मरीजों के परिजन बाहर निकल आए। पुलिस और दमकल विभाग की टीमों ने स्थिति को नियंत्रित किया। कुछ देर के लिए ट्रॉमा सेंटर की बिजली काट दी गई ताकि आग फैल न सके। घटना के बाद राज्य सरकार के अधिकारी और जयपुर जिला प्रशासन भी अस्पताल पहुंचा। कई गंभीर मरीजों को मुख्य भवन के वार्डों में शिफ्ट किया गया है।
शासन ने बनाई 6 सदस्यीय जांच कमेटी : राजस्थान सरकार ने इस पूरे हादसे की जांच के लिए 6 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। इसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव अम्बरीष कुमार ने विभाग के आयुक्त इकबाल खान को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया है। पांच सदस्यों में हॉस्पिटल प्रशासन (राजमेस) के अतिरिक्त निदेशक मुकेश कुमार मीणा, राजमेस के मुख्य अभियंता चंदन सिंह मीणा, पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता (बिजली) अजय माथुर, SMS मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ. आरके जैन और नगर निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी शामिल हैं। यह कमेटी ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना की डिटेल रिपोर्ट देगी। आग लगने के कारणों, आग पर काबू पाने की व्यवस्था, मरीजों की सुरक्षा व उन्हें वहां से बाहर निकालने इंतजाम, भविष्य में ऐसी आगजनी की घटनाओं से हॉस्पिटल को बचाने, ऐसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए व्यवस्था की विस्तार से जांच होगी।

राजस्थान का SMS हॉस्पिटल राज्य का सबसे बड़ा चिकित्सा केंद्र है, जहां रोज़ाना हजारों मरीज आते हैं। ऐसे में ICU जैसी संवेदनशील जगह पर आग लगना अस्पताल सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
हाल के वर्षों में देश के कई अस्पतालों में इसी तरह की आग की घटनाएं हो चुकी हैं — मुंबई, भोपाल, अहमदाबाद, और दिल्ली के अस्पतालों में भी शॉर्ट सर्किट के कारण मरीजों की जान गई थी। विशेषज्ञ मानते हैं कि ICU वार्डों में बिजली की अधिक लोडिंग और पुराने वायरिंग सिस्टम ऐसी घटनाओं की मुख्य वजह हैं।
मुख्यमंत्री, पूर्व सीएम, स्वास्थ्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष के बयान
सीएम भजनलाल ने लिखा- घटना दुर्भाग्यपूर्ण : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया X पर लिखा- ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। जानकारी मिलते ही मैं हॉस्पिटल गया और घटना की जानकारी ली। हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। प्रभावितों की हरसंभव मदद की जा रही है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने लिखा- SMS अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के ICU में आग लगने से 7 लोगों की मृत्यु बहुत दुखी करने वाली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस हादसे में कम से कम जनहानि हो। प्रभु दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें। राज्य सरकार इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाकर यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कहीं भी ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो सके।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने सुबह बयान जारी करते हुए कहा — “यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। हम मृतकों के परिजनों को मुआवजा देंगे और घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।” नेता प्रतिपक्ष जूली ने जिला कलेक्टर से जानकारी ली, SMS हॉस्पिटल जाएंगेनेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने SMS अग्निकांड की जानकारी जिला कलेक्टर से ली। वह खुद हॉस्पिटल जाने की तैयारी में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा है-एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के ICU में आग लगने से 3 महिलाओं सहित 8 लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है। इस भीषण घटना ने मन को झकझोर कर रख दिया है।