नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने किया हाईकोर्ट का रुख, चाईबासा कोर्ट के गैर-जमानती वारंट को निरस्त करने की मांग

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रांची: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने झारखंड के चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से उनके खिलाफ जारी गैरजमानती वारंट को निरस्त करने की मांग करते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

चाईबासा कोर्ट ने वर्ष 2018 में भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़े केस में 22 मई को राहुल गांधी के खिलाफ वारंट जारी करते हुए उन्हें 26 जून को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इस मामले में राहुल गांधी के अधिवक्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इस मामले में उन्होंने सीआरपीसी की धारा 205 के अंतर्गत हाईकोर्ट में पहले से दायर की गई याचिका अब तक लंबित है। जब तक लंबित याचिका पर सुनवाई नहीं होती, तब तक चाईबासा कोर्ट की ओर से वारंट जारी करना अनुचित है।

उल्लेखनीय है कि चाईबासा निवासी प्रताप कटियार नामक शख्स ने राहुल गांधी के खिलाफ 9 जुलाई, 2018 को दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया था कि उन्होंने वर्ष 2018 में कांग्रेस के अधिवेशन में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की।

शिकायत के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता है। कांग्रेसजन किसी हत्यारे को राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते हैं, यह भाजपा में ही संभव है। इस शिकायत वाद पर चाईबासा कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ अप्रैल 2022 में जमानती वारंट जारी किया था। इस पर राहुल गांधी की ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

इसके बाद कोर्ट ने फरवरी 2024 में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। राहुल गांधी के अधिवक्ता ने इस पर कोर्ट में आवेदन देकर सशरीर उपस्थित होने की छूट मांगी थी, लेकिन उनका आवेदन खारिज कर दिया गया था। इसके खिलाफ राहुल गांधी झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे थे, जहां उन्हें राहत मिली थी।

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