‘शेर’ नाम से जानी जाएगी मेड इन अमेठी AK-203 असॉल्ट राइफल, 100% होगी स्वदेशी
भारतीय सेना को मिलने जा रही है पूरी तरह देश में बनी आधुनिक राइफल, रूस से मिला टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
अमेठी/नई दिल्ली: भारतीय सेना की मारक क्षमता में अब नया दम भरने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के कोरवा में बन रही AK-203 असॉल्ट राइफल अब पूरी तरह स्वदेशी बनने को तैयार है। खास बात यह है कि यह राइफल अब ‘शेर’ नाम से जानी जाएगी।
🇮🇳 100% स्वदेशी निर्माण की ओर
फिलहाल, अमेठी के इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) प्लांट में AK-203 राइफल्स का निर्माण हो रहा है, जिसमें 50% तक का स्वदेशी कंटेंट है। लेकिन 31 दिसंबर 2025 तक जो राइफल तैयार होगी, वह 100% मेड इन इंडिया होगी।
‘शेर’ – भारतीय ताकत का प्रतीक
नई 100% स्वदेशी AK-203 को भारतीय नाम ‘शेर’ दिया गया है, जो भारतीय सेना की ताकत, आत्मनिर्भरता और साहस का प्रतीक बनेगा। इस राइफल का निर्माण रूस के सहयोग से हो रहा है और अब रूस ने इस राइफल की पूरी तकनीक भारत को ट्रांसफर कर दी है।
उत्पादन क्षमता और महत्व
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हर महीने 12,000 AK-203 राइफलें अमेठी में तैयार की जाएंगी।

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यह राइफल भारत के पुराने इंसास राइफल्स की जगह लेगी और भारतीय जवानों को आधुनिक और भरोसेमंद हथियार प्रदान करेगी।
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यह पूरी परियोजना मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और डिफेंस इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
भारत-रूस रक्षा सहयोग
AK-203 एक भारत-रूस संयुक्त उपक्रम है, जिसमें तकनीक रूस की है लेकिन अब उत्पादन भारत में, भारतीय संसाधनों और श्रमिकों द्वारा किया जा रहा है। यह सहयोग दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी को भी दर्शाता है।