मुंबई: मलयालम सिनेमा के दिग्गज एक्टर-डायरेक्टर श्रीनिवासन का निधन हो गया है। श्रीनिवासन 69 साल के थे और बीते दिनों से स्वास्थ्य कारणों के चलते अस्पताल में भर्ती थी। फिल्म इंडस्ट्री के सूत्रों ने इस खबर की पुष्टि की है। श्वीनिवासन कुन्नूर के रहने वाले थे और बीते कुछ सालों से कोच्चि में रहते थे। उन्होंने अपने करियर में कई बेहतरीन किरदार निभाए हैं। अच्छे एक्टर के साथ श्रीनिवासन एक डायरेक्टर और राइटर भी थे। करीब 200 से ज्यादा फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जादू बिखेरने वाले एक्टर श्रीनिवासन ने साल 1976 में मनिमुज्जख्खाम फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी। श्रीनिवासन अपनी सिनेमाई विरासत के साथ एक भरापूरा परिवार पीछे छोड़ गए हैं। श्रीनिवासन के 2 बेटे विनीत और ध्यान श्रीनिवासन हैं और दोनों एक्टिंग की दुनिया में काम करते हैं।

जीत चुके हैं नेशनल अवॉर्ड
श्रीनिवासन ने अपने करियर में कई सम्मान प्राप्त किए, जिनमें एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दो फिल्मफेयर अवार्ड साउथ और छह केरल राज्य फिल्म पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें ‘संदेशम’ और ‘मझायेथुम मुनपे’ के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा का केरल राज्य फिल्म पुरस्कार मिला। निर्देशक प्रियदर्शन, सत्यन एंथिकड और कमल के साथ अक्सर काम करने वाले श्रीनिवासन ने मलयालम कॉमेडी और सामाजिक नाटक के स्वर्ण युग को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आम आदमी के किरदारों को निभाने वाले उनके अभिनय में संयम, यथार्थवाद और सूक्ष्म व्यंग्य झलकते थे। उन्होंने 1976 में पी. ए. बैकर की फिल्म ‘मणिमुझक्कम’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की और 1979 में ‘संघगानम’ में मुख्य भूमिका निभाई। चेन्नई स्थित तमिलनाडु फिल्म और टेलीविजन संस्थान में मिले औपचारिक प्रशिक्षण ने उनके लेखन, अभिनय और निर्देशन के क्षेत्र में एक सहज करियर की नींव रखी।