शाही दावत में गंगा-वोल्गा के संगम वाली दोस्ती का जिक्र, जानें राष्ट्रपति मुर्मू और पुतिन ने क्या-क्या कहा
नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन की भव्य रोशनी में जब वोल्गा और गंगा की दोस्ती एक साथ चमकी, तो शुक्रवार की शाम यह सिर्फ एक शाही दावत नहीं रही बल्कि यह भारत और रूस रिश्तों के नए चैप्टर की गूंज बन गई। 25 साल के रणनीतिक सहयोग का यह जश्न संस्कृति, इतिहास और कूटनीति के उस संगम का संकेत था, जहां परंपरा ने मॉडर्न पार्टनरशिप से हाथ मिलाया और फ्यूचर के सहयोग के नए रास्ते खुलते दिखे। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “आज का दिन हमारे लिए खास है क्योंकि हम भारत-रूस स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। भारत-रूस साझेदारी शांति, स्थिरता और परस्पर सामाजिक-आर्थिक व टेक्नोलॉजिकल प्रोग्रेस की साझा प्रतिबद्धता पर बेस्ड है। इस दौरान, पुतिन भी भारत-रूस के संबंधों की सराहना करते नजर आए। इस खबर में पढ़िए दोनों ने भारत-रूस के रिश्तों पर क्या-क्या कहा।
पुतिन की यात्रा पर राष्ट्रपति मुर्मू का बयान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “साल 2025 हमारे बहुआयामी संबंधों के लिए बेहद सफल साल रहा है। 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद जारी हुआ संयुक्त बयान हमारी विशेष निकटता को दिखाता है और द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने का विस्तृत रोडमैप पेश करता है। हमारी संस्कृतियों का संवाद सदियों पुराना है। इनमें रूसी यात्रियों का भारत आना, भारतीय कारोबारियों का रूस पहुंचना, महात्मा गांधी और लियो टॉल्स्टॉय का प्रेरणादायी पत्राचार, दोनों देशों की समृद्ध सांस्कृतिक, साहित्यिक और कलात्मक विरासत के प्रति गहरी रुचि शामिल हैं।”

गंगा-वोल्गा के संगम वाली दोस्ती का जिक्र
राजकीय भोज के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा, “मुझे भरोसा है कि आज के डिनर में हमारे रूसी मित्र हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत के कुछ परिचित स्वाद और सुरों जरूर पहचानेंगे। गंगा और वोल्गा का संगम हमारी दोस्ती में बहता है और आगे भी हमारी साझेदारी का मार्गदर्शन करता रहेगा। यह शाम हमारे उन संबंधों का जश्न है, जो वर्षों से अटूट हैं और आने वाले वक्त में और मजबूत होंगे।”
भारत संग रिश्तों पर क्या बोले पुतिन?
वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, “15 साल पहले हमने एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसने हमारे संबंधों को एक नई ऊंचाई और रणनीतिक साझेदारी पर पहुंचा दिया। यह सहयोग समानता, सम्मान और एक-दूसरे के हितों के लिए पारस्परिक समझ के सिद्धांतों पर बेस्ड है, जो निरंतर मजबूत होता जा रहा है। कल और आज भारतीय दोस्तों के साथ हुई चर्चाएं सच में रचनात्मक रहीं। हमने जो ऐलान किए, उसमें पॉलिटिक्स, सिक्योरिटी, अर्थव्यवस्था और व्यापार, एनर्जी, एजुकेशन और अन्य कई सेक्टर्स में व्यापक सहयोग शामिल है। मुझे भरोसा है कि यह ऐलान और इससे जुड़े दस्तावेज हमारे द्विपक्षीय संबंधों को नई रफ्तार देंगे।”