नई दिल्ली: दिल्ली के व्यस्त ट्रैफिक में कभी-कभी कुछ पल ऐसे आते हैं जो दिल दहला देते हैं। गुरुवार शाम को दक्षिण-पूर्व दिल्ली के आलकनंदा इलाके में तारा अपार्टमेंट क्रॉसिंग पर एक चमचमाती मर्सिडीज E-क्लास अचानक लपटों में घिर गई। कार में सवार 38 साल की महिला और उनका 5 साल का मासूम बेटा मौत के मुहाने पर पहुंच गए थे। लेकिन दो बहादुर पुलिसवालों की सूझबूझ और एक पानी के टैंकर की किस्मत ने उन्हें बचा लिया।
रेड लाइट पर अचानक भड़की आग
शाम करीब 5:30 बजे ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी कार में मां-बेटे बेफिक्र जा रहे थे। अचानक कार के आगे का हिस्सा धू-धू करके जल उठा। चारों तरफ धुआं और चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोग चिल्लाने लगे। मां-बेटे दरवाजे लॉक होने की वजह से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। हर सेकंड भारी पड़ रहा था।
हीरो बने ASI रतन लाल मीणा और कॉन्स्टेबल राहुल
नजदीकी पुलिस बूथ पर तैनात असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर रतन लाल मीणा और कॉन्स्टेबल राहुल ने जैसे ही शोर सुना, दौड़े चले आए। मीणा बताते हैं, “लोग चीख रहे थे। कार में धुआं और आग इतनी थी कि कुछ दिख नहीं रहा था। सबको लग रहा था अब बस धमाका होगा।”

दोनों ने हिम्मत नहीं हारी। ट्रैफिक पुलिस वाले की मदद से लाठी-डंडों से खिड़की तोड़ने की कोशिश की, लेकिन बच्चे को कांच के टुकड़े न लगें इसलिए जरा संभलकर। दो-तीन मिनट की जद्दोजहद के बाद खिड़की खुली, लेकिन तब तक आग और भड़क चुकी थी।
पानी का टैंकर से बचाई जान
इस दौरान सड़क पर दिल्ली जल बोर्ड का एक टैंकर गुजर रहा था। मीणा ने तुरंत उसे रोका और चालक को समझाया। टैंकर के जरिए पानी की बौछार की गई और देखते-देखते आग पर काबू पा लिया गया। मां-बेटे को बाहर निकाला गया। दोनों को हल्की चोटें आईं, लेकिन दोनों की जान बच गई।